पतिव्रता नारियों की शक्ति के आगे स्कंद पुराण के अनुसार यमराज को भी झुकना पड़ा था

रामगढ़ । स्कंद पुराण की मान्यता के अनुसार हजारों वर्षों से चले आ रहे सावित्री सत्यवान की कथा को प्रेरणा स्रोत मानते हुए देश दुनिया की सुहागिन महिलाएं आज भी बट वृक्ष के नीचे अपने पति की लंबी आयु उनकी रक्षा और सुरक्षा के लिए सावित्री सत्यवान की कथा को आधार मानते हुए श्रद्धा भक्ति एवं समर्पण की भावना से पूजा करते चली आ रही हैं। क्योंकि सभी सुहागिन नारी इस बात को जानती हैं कि भक्ति में इतनी शक्ति होती है इसके आगे देवी देवताओं को भी झुकना पड़ता है। यही कारण है की मौत के देवता यमराज को भी सत्यवान की पत्नी सावित्री के आगे झुकना ही नहीं पड़ा बल्कि उनके पतिव्रता नारीत्व को देखकर सत्यवान को भी छोड़ना पड़ा और सावित्री को पुत्रवती होने का वरदान उन्होंने दे डाला। पूछने पर इस संबंध में 30 वर्षों से वट वृक्ष के नीचे पूजा करते चली आ रही अनीता देवी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह व्रत पतिव्रता सुहागिन नारियों के लिए ब्रह्मास्त्र का काम करता है जो अपनी पतिव्रता नारी शक्ति के कारण विश्वास एवं श्रद्धा के आधार पर अपने पति की रक्षा और सुरक्षा के लिए लंबी आयु की कामना करती हैं। सभी सुहागिन नारियों को अनीता देवी ने वट वृक्ष की पूजा की ढेर सारी शुभकामनाएं दी और ईश्वर से प्रार्थना की की सभी सदा सौभाग्यवती रहे। वही इस संबंध में पूछने पर पूनम देवी पूनम कुमारी गीता देवी एवं विनीता ठाकुर ने बताया कि वट वृक्ष के नीचे पूजा की जाती है तथा ज्ञान और निर्माण के लिए एवं पति की लंबी आयु के लिए वट वृक्ष के चारों लाल सूत जाता है जो रजौगुण का प्रतीक होता है। मान्यता है कि वटवृक्ष के नीचे भी इसलिए पूजा की जाती है क्योंकि इसी वृक्ष के जड़ में यमराज ने सत्यवान के जीवन को बांध दिया था। इसी को प्रतीक मानकर आज की सभी सुहागिन महिलाएं लाल रक्षा सूत्र चारों ओर घूम कर बांधते हैं क्योंकि सावित्री ने भी पति को मौत से मुक्ति दिलाने के बाद ऐसा किया। वट वृक्ष के नीचे पूजा करने वाली सुहागिन महिलाओं में श्रीमती अनीता देवी, विनीता ठाकुर, पूनम देवी पूनम कुमारी बबीता देवी गीता जूही देवी देवी रेखा देवी अंजली देवी सरिता देवी सहित सैकड़ो सुहागिन महिलाओं ने पूजा की।

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