संथाल समाज दिशोम मांझी परगना का 28वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया

संथाली सभ्यता व एकता को बनाए रखने के लिए समाज के लोगों को रहना पड़ेगा जागरूक: फागु बेसरा

कुजू/मांडू । संथाल समाज दिशोम मांझी परगना के केंद्रीय समिति द्वारा गुरुवार को मांडू प्रखंड के हेसागढा स्थित तिलैया टांड़ फुटबॉल मैदान में अपना 28वां स्थापना दिवस बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के समन्वय समिति सदस्य सह दर्जा प्राप्त मंत्री फागु बेसरा व विशिष्ट अतिथि सोनाराम मांझी मरांग परगना, एतो बास्के दिशोम जोगवा, आर डी हांसदा, सोहोअ मांझी बाबा, गोला की जिला परिषद रेखा सोरेन मौजूद थे। इस अवसर पर परंपरागत तीरंदाजी समिति कई प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । एवं उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में सर्वप्रथम आगत अतिथियों के द्वारा सिद्धू-कान्हू सहित सभी वीर शहीदों की तस्वीर पर श्रृद्धा सुमन अर्पित की गई। तत्पश्चात पन्नालाल मुर्मू के द्वारा उपस्थित मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। साथ ही मौके पर आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार महिला व बच्चियों के द्वारा परंपरागत वेशभूषा में ढोल नगाड़े के साथ मनमोहक नृत्य व स्वागत गान प्रस्तुत कर स्वागत किया गया। जिसके बाद मंच पर मौजूद सभी अतिथियों को बारी-बारी से पुष्प गुच्छ देकर और बैच लगाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के दौरान दिशोम जोगवा एतो बास्के ने बताया कि हमारे पूर्वजों द्वारा बनाए गए रीति रिवाज, न्याय व्यवस्था, आदर्श आचार व्यवहार एवं रिश्ते नाते, सुख शांति से जीवन यापन सहित पूजा पाठ व प्राकृति की उपासना संबंधी जो भी हम लोगों को विरासत में मिली है। उसको बचाने के लिए हम लोगों के द्वारा प्रत्येक वर्ष इसी तरह धुमधाम से अपना स्थापना दिवस को मानाया जाता हैं। मौके पर उपस्थित सभी संथाल समाज के वक्ताओं के द्वारा बारी-बारी से अपनी बातों को रखते हुए संथाली सभ्यता व एकता को बनाए रखने के लिए समाज के सभी लोगों को प्रेरित किया गया। इस मौके पर दर्जा प्राप्त मंत्री फागु बेसरा ने कहा कि झारखंड सरकार झारखंड के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव तत्पर है । राज्य के विकास की गति जोर पकड़ रही है और आने वाले दिनों में झारखंड देश के समृद्ध राज्यों में अग्रणी होगा । मौके पर झामुमो केंद्रीय सदस्य राजकुमार महतो, राज्य परिवहन प्राधिकरण सदस्य संजीव बेदिया ,भुवनेश्वर प्रसाद महतो उर्फ भुन्नू महतो, झामुमो नेता संजीव बेदिया ,अलख कुमार मांझी, पन्नालाल मुर्मू, सोनू मदन सोरेन, हीरालाल मांझी, रामकिशोर मुर्मू, महालाल हांसदा, शंकर सोरेन, दुर्गा चरण मुर्मू, रामलाल मुर्मू, विष्णु किस्कू, डाड़ी प्रखंड प्रमुख दीपा किस्कू, सूरजमुनी सोरेन बेसरा दिशोम मांझी परगना सोहोअ मांझी बूढ़ी, सुरेंद्र टुडू, बिंदाई सोरेन जमशेदपुर ,मांझी बाबा पंचानंद सोरेन, किसिरार मांझी बाबा ,सतीश मुर्मू गोला , संजय टुडू,धनीराम मांझी, सीताराम किस्कू , सहित हजारों की संख्या में महिला व पुरुष अपने परंपरागत वेशभूषा में मौजूद थे। वही संथाल समाज दिशोम मांझी परगना के द्वारा 29 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया और प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के नाम दर्जा प्राप्त मंत्री फागु बेसरा को सोपा गया । जिसमें संथाल आदिवासियों के धार्मिक स्थल मरंग गुरू पारसनाथ गिरिडीह की देखरेख निगरानी संरक्षण एवं उपभोग की जिम्मेदारी सामुदायिक वन अधिकार के तहत ग्राम सभा को सौंपने सरना आदिवासी धर्म कोड लागू करने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रिहा करने संथाली को झारखंड का राजभाषा घोषित करने संथाली परंपरा भाषा संस्कृति के विकास और सर्वधर्म हेतु संथाली अकादमी का गठन करने , संथाली आदिवासी को वन पट्टा देने छोटा नागपुर काश्तकार अधिनियम व संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम शक्ति को लागू करने की मांग की गई ।

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