देहरादून। प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) डॉ. धनंजय मोहन की अध्यक्षता में शुक्रवार को चारधाम यात्रा मार्गों के पास वनाग्नि रोकने को लेकर बैठक हुई। उन्होंने वनकर्मियों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसका ख्याल रखा जाए। चारधाम यात्रा पर सरकार की भी कड़ी निगरानी है।
वन विभाग की ओर से बताया गया कि चारधाम यात्रा रूट के प्रभाग आपसी समन्वय से प्रति 20 किमी की दूरी पर क्यूआरटी स्ट्रैच स्थापित करेंगे। प्रत्येक क्यूआरटी टीमों की प्रति क्रू स्टेशन जीपीएस लोकेशल जीआईएस डूमैन सहित मैपिंग की जा रही है। चारधाम यात्रा को सुदृढ़ीकरण बनाने के लिए मोबाइल क्रीव टीम को 24X7 संचालित करने के लिए नियमित कर्मचारियों के साथ चार फायर वाचर योजित किए गए हैं। प्रत्येक क्यूआरटी टीम को 24X7 उपयुक्त वाहन उपलब्ध कराए जाएं। चारधाम यात्रा रूटों पर फ्लैक्सी बोर्ड लगवाए गए हैं। इसमें जन-जागरूकता के लिए स्लोगन के साथ वनाग्नि नियंत्रण की सूचना के लिए ट्रोल फ्री नंबर सुस्पष्ट अंकित किए गए हैं। चारधाम यात्रा पर वनाग्नि रोकथाम के लिए के लिए संबंधित वन प्रभागों को बजट का आवंटन किया जा चुका है।
अब तक हुईं 1063 आग की घटनाएं
वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन उत्तराखंड के अपर मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा की ओर से शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार एक नवम्बर 2023 से 10 मई 2024 तक कुल 1063 आग की घटनाएं हुई हैं। आगजनी में 1437.948 हेक्टेयर वन प्रभावित हुए हैं। अब तक कुल चार लोग आग से झुलसकर पीड़ित हो चुके हैं और पांच लोगों की मृत्यु हो चुकी है।