देहरादून। पूर्व मंडी अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता विपुल जैन ने सचिव ऊर्जा एवं मुख्य सचिव उत्तराखण्ड से प्रदेश में विद्युत दरें बढ़ाए जाने का विरोध किया है ।
विपुल जैन ने विरोध जताते हुए कहा की प्रदेश में डबल इंजन की सरकार ने 2022 में हुए चुनाव में चुनाव प्रचार में प्रदेश की जनता से यह कहकर जनादेश प्राप्त किया की हम देवभूमि उत्तराखंड में प्रदेश की जनता को सबसे सस्ती बिजली देने का काम करेंगे ।
दिल्ली एवं पंजाब के चुनाव में वहां रह रहे उत्तराखंड वासियों से भी प्रदेश में आकर अपना मतदान करने की अपील की गई एवं कहा गया की दिल्ली एवं पंजाब की तर्ज़ पर सस्ती एवं कुछ यूनिट फ्री बिजली देने का काम भाजपा सरकार प्रदेश वासियों के लिए करेगी ।
इस कमर तोड़ महंगाई में ग़रीब एवं मध्यम वर्गीय परिवार के बजट को पूरी तरह बिगाड़ने का कार्य बिजली की दरें बढ़ाकर प्रदेश सरकार ने लोक सभा चुनाव के मतदान के तुरंत बाद किया है ।
प्रदेश वासियों को क्या संदेश यह double injan सरकार देना चाहती है ।
पड़ोसी राज्य हिमाचल से लगभग डेढ़ गुना रेट पर उत्तराखंड प्रदेश के उपभोगता से बिजली की बड़ी हुई दरों पर क़ीमत वसूलना क्या जनता की जेब पर कुठाराघात नहीं ।
फिर क्यों प्रदेश सरकार investor meet में सस्ती बिजली देने की बात करती है ।क्या इतनी महँगी दरों पर नये उद्योग प्रदेश में आयेंगे ?
क्या नये start up व्यवसायों को भ्रमित कर अन्य प्रदेशों से यहाँ बुलाना एवं स्थानीय नव युवकों जिन्होने यहाँ नये स्टार्टअप उद्योग प्रारंभ करे हैं ,उनके साथ यह धोखा नहीं ।
विपुल जैन ने आग्रह किया की बड़ी हुए बिजली की दरें वापस की जायें ।
इन बड़ी हुए क़ीमतों से चार धाम यात्रा में पर्यटन एवं तीर्थाटन होटल व्यवसाइयों को भी बहुत नुक़सान होगा ।