गोपेश्वर। चमोली जिले के उच्च हिमालय क्षेत्रों में तीन-चार दिनों से लगातार बर्फबारी और तेज हवाएं चल रही हैं, जिससे विकास खंड जोशीमठ के सबसे दूरस्थ गांव द्रोणागिरि में कई मकानों के छतें बर्फीली हवा से उड़ गई हैं। शुक्रवार की देर शाम से यहां पर लगातार बर्फबारी हो रही है। इससे क्षेत्र में लगभग दो फीट तक बर्फ जम गई है।
गौरतलब है कि नीती घाटी क्षेत्र के भोटिया जनजाति के लोग शीतकाल में छह माह के प्रवास पर निचले स्थानों पर आते हैं और ग्रीष्मकाल शुरू होते ही वापस अपने मूल गांव में चले जाते हैं। वर्तमान समय में अभी भोटिया जनजाति के लोग अपने निचले प्रवास वाले गांव में ही निवास कर रहे हैं, लेकिन बीते तीन-चार दिनों से लगातार हो रही बर्फबारी को देखते हुए ग्रामीणों का एक दल गांवों की स्थिति का जायजा लेने के लिए गांव पहुंचा था।
कागा के प्रधान और प्रधान संघ के जिला मंत्री पुष्कर सिंह राणा ने बताया कि वे गांवों का जायजा लेने के लिए कई ग्रामीणों के साथ क्षेत्र में पहुंचे थे। उन्होंने वहां देखा कि कई घरों के छतें बर्फीली हवाएं से उड़ गयी हैं।द्रोणागिरि पहुंचने का एक मात्र पैदल मार्ग भी कई जगह पर अत्यधिक बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। इसकी सूचना शनिवार को जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना को दूरभाष के माध्यम से दी गई है।
उन्होंने जिलाधिकारी को बताया कि ग्रामीण मई के प्रथम सप्ताह में शीतकालीन प्रवास से अपने मूल गांव की ओर लौटने वाले हैं। बर्फबारी के कारण जहां जहां भी पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गये हैं। उनको संबंधित विभाग से ठीक करा दिया जाए। साथ ही जिन परिवारों के घरों को नुकसान पहुंचा है, उनको उचित मुवावजा का प्रावधान किया जाये।
गांवों का जायजा लेने वालों में दीवान सिंह रावत, बाग सिंह कुंवर, उदय सिंह रावत आदि लोग शामिल थे।