उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले का गंगोत्री नेशनल पार्क समुद्र तल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस पार्क की गरतांग गली इन दिनों पयर्टकों से गुलजार है। यह गली गंगोत्री नेशनल पार्क के लिए कमाई का जरिया भी बन गई है। बीते 23 दिनों में 2099 पयर्टकों ने इस गरतांग गली के दीदार किए। इससे पार्क प्रशासन को चार लाख तीस हजार रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
उक्त जानकारी देते हुए गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक रंगनाथ पांडेय ने बताया कि इस बार पार्क के गेट पर्यटकों के लिए एक अप्रैल को खोल दिए गए थे। हालांकि, गोमुख तपोवन ट्रैक क्षतिग्रस्त होने, मार्ग में बड़े-बड़े हिमखंड होने और खराब मौसम के चलते फिलहाल इस ट्रैक पर पर्यटकों व पर्वतारोहियों की आवाजाही शुरू नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल तक कुल 2099 पर्यटकों ने यहां के दीदार किए। इन में 17 विदेशी भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि भारत-चीन सीमा के निकट स्थित गरतांग गली लगभग 150 साल पुरानी है। यह गली भारत-तिब्बत के बीच व्यापारिक रिश्तों की गवाह है। खड़ी चट्टान को काटकर तैयार की गई यह गली एक प्रकार से लड़की का पुल है। 1962 के भारत-चीन युद्ध बाद इसे बंद कर दिया गया था। वर्ष 2021 में ही 64 लाख रुपये की लागत से इसका जीर्णोद्धार कर इसे खोला गया था। रोमांचक पर्यटन के शौकीनों के लिए ये पसंदीदा स्थल है।
करीब 2390 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला गंगोत्री नेशनल पार्क दुर्लभ वन्य जीवों स्नो लेपर्ड, भरल, काला भालू ,भूरा भालू , हिमालय थार, कस्तूरी मृग आदि दुर्लभ वन्यजीव भी निवास करते हैं।
गंगोत्री नेशनल पार्क का ताला खुलने से अब पर्यटक भारत तिब्बत के बीच व्यापारिक रिश्तों की गवाह गरतांग गली में जा सकेंगे। भैरवघाटी के समीप खड़ी चट्टान को काटकर तैयार यह रास्ता स्काई वॉक जैसा अनुभव प्रदान करता है।