रांची। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, जब दुनिया इस पर विचार कर रही है कि हर किसी को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ कैसे मिल सकती हैं, वहीं नंद घर बड़े बदलाव लाने का एक सार्थक उदाहरण बनकर सामने आया है। नंद घर एक प्रमुख महिला और बाल कल्याण प्रोजेक्ट है, जिसका संचालन अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ), वेदांता की सामाजिक इकाई करता है। आफ पूरे भारत में महिलाओं और बच्चों की मदद करने पर केंद्रित है।
इस प्रकार, नंद घर इन क्षेत्रों में कई लोगों के जीवन को बेहतर बना रहा है। यह प्रोजेक्ट आधुनिक आँगनवाड़ियों का एक समूह है, जो प्रारम्भिक बाल विकास से परे उनके कल्याण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण पेश करता है। वे कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं, जैसे- पूर्व प्राथमिक शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य की जरूरतें। साथ ही, वे महिलाओं को नए कौशल सीखने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में मदद करते हैं। कुल मिलाकर, प्रोजेक्ट नंद घर समुदायों को भविष्य के लिए मजबूत और स्वस्थ बनने में मदद कर रहा है।
नंद घर लोगों के स्वास्थ्य संकेतक में सुधार लाने और साथ ही पूरे भारत में स्थानीय समुदायों तक अपनी पहुँच स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। झारखंड में इस प्रोजेक्ट का एक शानदार उदाहरण देखने को मिलता है जहाँ, चास पंचायत, बोकारो के मधुनिया गांव में रहने वाली बुजुर्ग महिला मूसरी देवी को नंद घर ने उनकी स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने में मदद की है। अपने परिवार से कोई मदद न मिलने के कारण मूसरी देवी का जीवन बहुत कठिन हो गया था। वह अपने पति के साथ अकेली रहती हैं, जो दिहाड़ी मजदूर हैं और उनकी कमाई भी अनियमित है। धुंधली नज़र की समस्या के कारण उन्हें अपने रोजमर्रा के काम करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता था।
बहुत समय तक मूसरी देवी ने अपनी आँखों की समस्या को नजरअंदाज किया क्योंकि उन्हें लगा ये बुढ़ापे की वजह से है। लेकिन उनके गांव के नंद घर में आयोजित नि:शुल्क आँखों के जांच शिविर में उन्हें वह इलाज मिला, जिसकी उन्हें सख्त जरुरत थी। यहां हुई जांच में पता चला कि उन्हें मोतियाबिंद है और शिविर में उपस्थित डॉक्टरों ने उनका सही इलाज करवाया। सफल ऑपरेशन के बाद न केवल मूसरी देवी की आँखें ठीक हो गईं बल्कि जीवन के प्रति उनका नज़रिया भी बदल गया।
बेहतर बदलाव की तरफ नंद घर का प्रभाव, सिर्फ व्यक्तिगत सफलता की कहानियों से कहीं अधिक है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से, आफ (अनिल अग्रवाल फाउंडेशन) ने 0-6 वर्ष की आयु के 2,20,000 से अधिक बच्चों तथा 1,00,000 गर्भवती और धात्री महिलाओं के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। इसके साथ ही लगभग 58,00,000 लोगों तक कम्युनिटी हेल्थ प्रोग्राम का लाभ भी पहुंचाया गया है और1,70,000 से अधिक महिलाओं को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से भीजोड़ा गया है।
स्वास्थ्य देखभाल के विभिन्न पहलुओं को एक साथ लाकर, नंद घर समुदायों को समग्र रूप से स्वस्थ बनाने में योगदान दे रहा है। 25-30 नंद घरों के प्रत्येक समूह में मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) या टेलीमेडिसिन किट या स्वास्थ्य शिविर की उपलब्धता सुनिश्चित की है । उक्त इकाइयाँ डॉक्टर्स और पैरामेडिक्स से सुसज्जित हैं, जो महत्वपूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करते हैं। वे सिर्फ तत्काल चिकित्सा जरूरतों में ही मदद नहीं करते हैं, बल्कि आपातकालीन स्थिति में लोगों को निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में रेफर करने की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
आफ समुदायों को सशक्त बनाने, जीवन में उचित बदलाव लाने और सतत विकास को बढ़ावा देने में अभूतपूर्व योगदान दे रहा है, यही वजह है कि नंद घर समुदायों को स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करते हुए, भारतवर्ष में समुदायों के जीवन में बदलाव लाने के अपने दृढ संकल्प को पूरा कर रहा है।