प्रथम महिला संपादक नहीं रही

देहरादून।गढ़वाल की प्रथम सम्पादक श्रीमती सुशीला बहुगुणा का देहवासन हो गया । इनका स्वास्थ्य पिछले कुछ समय से ठीक नहीं था । सुशीला का इलाज दिल्ली में चल रहा था। 21 मार्च 2024 को उन्होंने अपनी कर्म स्थली नंद प्रयाग में सुबह 8:15 पर अपनी आखरी सांस ली। उनकी मौत की खबर मिलते ही उनके। तमाम करीबी दोस्त , रिश्तेदार व उनके परिजन उनके अंतिम दर्शन के लिए वहा पहुंचे। तत्पश्चात उनके पुत्र समीर बहुगुणा ने अलकनंदा व नंदाकिनी के संगम पर उनकी चिता को मुखाग्नि दी ।

इनका जन्म 16 मार्च 1987को थराली के निकट गांव देवलगढ़ में एक ब्राम्हण परिवार में हुआ इनकी पढ़ाई लैंडडाउन में सम्पन्न हुईं व इनका विवाह एक स्वतंत्रता सेनानी व पत्रकार राम प्रसाद बहुगुणा जी के साथ सम्पन्न हुईं । बहुगुणा जी के परिवार में क्रान्ति व देश प्रेमर्की अटूट भावना थी । गढकेसरी के संपादक अनुसूया प्रसाद बहुगुणा  ने अपनी पत्रिका को महत्व देकर अपने पारिवारिक काम को ना अपना कर देश सेवा में जुटे । सुशीला  ने भी पारीवारिक जिम्मेदारियों को संभालते हुए देश के समर्पित रही । उन्होने पहाड़ की परेशानियो के प्रति, पहाड़ की नारियों के पक्ष मे आवाज उठाई।

1990 में रामप्रसाद के निधन के बाद उन्होंने देवभूमि के संपादन को जिम्मेदारी उठाई । जिससे समाज की हर तबके की नारी को अपने क्षेत्र मे भागीदारी का मौका

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