नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड पर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। जिसमें 15 मार्च 2024 तक खरीदे गए और कैश कराए गए चुनावी बॉन्ड का विवरण शामिल है। एसबीआई ने उच्चतम न्यायालय में अनुपालन हलफनामा दायर कर कहा कि उसने निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड का विवरण प्रस्तुत कर दिया है।
भारतीय स्टेट बैंक द्वारा आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल 2019 से लेकर उसी साल 11 अप्रैल तक कुल 3346 बॉन्ड खरीदे गए। इनमें से कुल 1609 बॉन्ड कैश कराए गए। एसबीआई (SBI) के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी तक कुल 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए थे। 20,421 बॉन्ड कैश कराए गए।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में मंगलवार को शाम पांच बजे तक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने चुनावी बांड्स से संबंधित पूरा ब्योरा चुनाव आयोग को सौंप दिया था। आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि चुनाव आयोग ने की थी।
उच्चतम न्यायालय के 15 फरवरी और 11 मार्च के आदेश के अनुसार चुनाव आयोग को 15 मार्च शाम पांच बजे तक एसबीआई द्वारा मिली जानकारी को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करना होगा। चुनावी बॉन्ड की जानकारी को सार्वजनिक करने पर एसबीआई ने उच्चतम न्यायालय से मोहलत मांगी थी लेकिन उच्चतम न्यायलय ने बैंक की याचिका को खारिज कर दिया था।
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने एक्स पर लिखा, ”15 फरवरी और 11 मार्च, 2024 के आदेश के अनुपालन में एसबीआई द्वारा आज भारत चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड पर डेटा प्रदान किया गया है। उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में मंगलवार को कामकाजी समय समाप्त होने तक सभी विवरण निर्वाचन आयोग को सौंपने को कहा था।
वहीं, एसबीआई द्वारा मिली जानकारी को चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगा। एसबीआई ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्त में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बाॉन्ड जारी किए थे। चुनावी बॉन्ड राजनीतिक दल द्वारा अधिकृत बैंक खाते के माध्यम से भुनाए जाने थे। एसबीआई इन बॉन्ड को जारी करने के लिए एकमात्र अधिकृत बैंक है। चुनावी बॉन्ड की पहली बिक्री मार्च 2018 में हुई थी। उच्चतम न्यायालय ने 15 फरवरी को ऐतिहासिक फैसले में केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते हुए इसे ”असंवैधानिक” करार दिया था।