लखनऊ। CBI ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को खनन घोटाले से जुड़े पूर्व के मामले में समन भेजकर पूछताछ के लिए कल उपस्थित होने को कहा है। बताया जा रहा है कि तत्कालीन सपा सरकार में साल 2012 -13 में प्रदेश में हुए खनन घोटाले को लेकर चल रही जांच में अब तक 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
गौरतलब है कि इस मामले से जुड़ी रहीं आईएएस बी चद्रकाला के ठिकानों पर भी रेड की कार्रवाई को अंजाम दिया गया था। इस घोटाले के समय अखिलेश यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और आरोप है कि इस दौरान खनन के कई लाइसेंस अपने करीबियों को फायदा पहुँचाने के लिए सरकार की तरफ से दिए गए। सीबीआई ने अवैध खनन मामले में 29 फरवरी को अखिलेश यादव को तलब किया है। हालाँकि इस मामले में अभी तक अखिलेश यादव की तरफ से इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई की तरफ से अखिलेश यादव को भेजे गए समन में उन्हें बतौर गवाह पेश होने के लिए कहा गया है। दरअसल ये पूरा मामला 2012-2016 के बीच हमीरपुर में कथित अवैध खनन से संबंधित है। इस मामले में साल 2019 में सीबीआई की तरफ से एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप था कि सरकारी कर्मचारियों ने ही हमीरपुर में खनिजों का अवैध खनन होने दिया। जबकि उस दौरान समाजवादी पार्टी की प्रदेश में सरकार थी और अखिलेश यादव सीएम थे।
अवैध खनन के मामले में हाईकोर्ट ने 28 जुलाई 2016 अपना आदेश दिया था। जिसके बाद सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर डीएम हमीरपुर, जियोलॉजिस्ट, माइनिंग ऑफिसर, क्लर्क, लीज होल्डर और प्राइवेट समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ केस फाइल किया था। सीबीआई की छापेमारी में कई लोगों के पास कैश और गोल्ड भी मिला था। बताते चलें कि अखिलेश साल 2012-17 के बीच यूपी के सीएम रहे थे और इस दौरान एक साल तक खनन विभाग के मंत्री रहे थे।