विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पद पर एक बार फिर आलोक कुमार का निर्वाचन किया गया है इसी के साथ ही विश्व में हिंदुओं के सबसे बड़े संगठन में कई और पदों पर नियुक्तियां की गयी हैं। इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ‘एक नया युग शुरू हो गया है’ और ‘अब श्री राम मंदिर से रामराज्य की शुरुआत हो चुकी है।’ हम आपको बता दें कि विश्व हिंदू परिषद ने सोमवार को अयोध्या में अपने केंद्रीय न्यासी बोर्ड और गवर्निंग काउंसिल की बैठक में दो प्रस्ताव- ‘‘राष्ट्रीय हित में मतदान करें और शत-प्रतिशत मतदान करें’’ और ‘‘श्री राम मंदिर का निर्माण- अब रामराज्य की ओर’’, पारित किए।
‘श्रीराम मन्दिर का निर्माण- अब रामराज्य की ओर’ शीर्षक वाले संकल्प में कहा गया है कि 22 जनवरी 2024 (पौष शुक्ल द्वादशी, संवत् 2080) विश्व के इतिहास में एक स्वर्णिम तिथि बन गयी है। इस दिन 496 वर्षों के संघर्ष की गौरवमयी, सफल, सुखद परिणिति की अनुभूति सम्पूर्ण विश्व को हुई। रामलला के साथ उनकी मर्यादाओं व हिन्दू संस्कृति की भी पुन: प्राण प्रतिष्ठा हुई। इस दिन यह सिद्ध हो गया कि राम ही राष्ट्र हैं और राष्ट्र ही राम हैं।संकल्प में कहा गया, ‘‘समस्त विघटनकारी व राष्ट्र विरोधी षड़यंत्र धूमिल हो गये। सम्पूर्ण विश्व भी इस दिन आह्लादित था क्योंकि उन्हें लगा कि एक नये भविष्य की रचना की जा रही है। हिन्दू समाज ने जन्मभूमि पर मन्दिर निर्माण के लिए विश्व का सबसे लम्बा संघर्ष किया। 76 बार हुए भीषण युद्धों में सम्पूर्ण देश के रामभक्तों ने सहभागिता की, इनके बिना यह पावन दिवस सम्भव नहीं था। इन संघर्षों में बलिदान हुए लाखों बलिदानियों को प्रन्यासी मण्डल नमन् करता है।’’ संकल्प में राम मंदिर आंदोलन में शामिल रहे महंत रामचंद्र परमहंस और महंत अवैद्यनाथ समेत अनेक साधु संतों के प्रति आभार प्रकट किया गया।