लखनऊ। स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद मंगलवार को सपा और एमएलसी पद से भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव को पत्र लिखते हुए कहा कि आपके नेतृत्व में सौहार्दपूर्ण वातावरण में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। लेकिन 12 फरवरी को हुई वार्ता और 13 फरवरी को प्रेषित पत्र पर किसी भी प्रकार की वार्ता की पहल न करने के फलस्वरूप मैं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्य से भी त्याग-पत्र दे रहा हूं।
दरअसल, 13 फरवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को पत्र लिखकर उनके साथ पार्टी में हो रहे भेदभाव का आरोप लगातर हुए राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दिया था। जबकि 19 फरवरी को स्वामी ने प्रेस वार्ता करके अखिलेश यादव को उनकी औकात दिखाने वाला बयान दे डाला था। उन्होंने कहा था कि सत्ता से बाहर अखिलेश की हैसियत नहीं की वो कुछ दे पाएं।
मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ विधान परिषद सदस्य के पद से भी त्यागपत्र दे दिया है। वहीं सोमवार को उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर उनके पत्र को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाते हुए कहा था कि सपा में उनके साथ जो भेदभाव और दुर्व्यवहार हुआ वो सब अखिलेश यादव के सह में था।
बीते 12 फरवरी से स्वामी प्रसाद मौर्या की अखिलेश से चल रही अनबन खुलकर सामने आ रही है। पहले आरोपों की लड़ियां लगाते हुए स्वामी ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दिया। इसके बाद सोमवार को वो इतने मुखर हो गए कि अखिलेश यादव को उनकी औकात दिखा दी। प्रेस वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता से बाहर अखिलेश की हैसियत क्या है कि वो कुछ दे पाएं। स्वामी के बदलते तेवर को लेकर सियासी गलियारे में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
कुछ राजनीतिक जानकारों का कहना है कि स्वामी की बेट संघमित्रा मौर्या की बदायूं लोकसभा सीट से बीजेपी ने अभी तक किसी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। स्वामी की सनातन विरोधी धार्मिक टिप्पणियों का असर बेटी के चुनाव पर पड़ने की आशंकाओं को देखते हुए कयास लग रहे कि संघमित्रा का इसबार टिकट कट सकता है।
ऐसी परिस्थित में मौर्या बेटी को बदायूं और बरेली की मिली जुली आंवला सीट से सपा का कंडिडेट बनान चाहते थे। लेकिन सपा ने सोमवार को जारी प्रत्याशियों की सूची में आंवला से स्वामी के ही करीबी माने जाने वाले नीरज मौर्य को टिकट थमा दिया। माना जा रहा है कि इससे झल्लाए स्वामी ने मंगलवार को पार्टी की सदस्यता से इस्तीफ दे दिया। हालांकि अब वो किस तरफ रुख करेंगे इसके अभी तक कोई साफ संकेत नही हैं।