नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और यूएई के संबंध 21वीं सदी के तीसरे दशक में अभूतपूर्व ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। दोनों देश एक दूसरे की प्रगति के भागीदार हैं। हमारा संबंध योग्यता, नवाचार और संस्कृति का है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को अबू धाबी के शेख जायद स्टेडियम में ‘अहलान मोदी’ कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत और यूएई संबंधों और उसमें भारतीय समुदाय की भूमिका को रेखांकित किया। साथ ही दोनों देशों के संबंधों की मजबूती में यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की भूमिका की सराहना की।
उन्होंने कहा, “भारत और यूएई वक्त की कलम से दुनिया की किताब पर एक बेहतर भाग्य का हिसाब लिख रहे हैं। भारत और यूएई की दोस्ती हमारी साझा दौलत है। हकीकत में हम अच्छे भविष्य की बेहतरीन शुरुआत कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने 2015 की अपनी यूएई की पहली यात्रा को याद किया। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि यूएई ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान द ऑर्डर ऑफ जायद से सम्मानित किया है। यह सम्मान केवल उनका नहीं बल्कि करोड़ों भारतीयों का सम्मान है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत दोनों देशों की दोस्ती के नाम की और कहा कि हर धड़कन, हर सांस कह रही है भारत-यूएई की दोस्ती जिंदाबाद।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत की उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा कि आज हर भारतीय का लक्ष्य 2047 तक देश को विकसित बनाना है। उन्होंने कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में वे देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की ‘गारंटी’ देते हैं।
फिनटेक नवाचार में भारत उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने यूएई के साथ यूपीआई तथा रुपे कार्ड से जुड़ी तकनीक साझा की है। इससे भारतीयों को अपने देश में पैसा भेजना आसान होगा।
इस दौरान भारत ने वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कद का उल्लेख किया और कहा कि आज भारत को दुनिया विश्व बंधु के तौर पर देख रही है और हर बड़े मंच पर भारत की आवाज सुनी जा रही है।