हल्द्वानी। उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा के बाद आज यानि शनिवार को भी कर्फ्यू जारी है। वहीं, हिंसा की आग भड़काने वालों के खिलाफ NSA लगाने की तैयारी है। हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में गुरुवार को अवैध मदरसा तोड़े जाने की कार्रवाई के दौरान भड़की हिंसा में छह दंगाइयों की मौत हो चुकी है तो 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हैं जिनका इलाज अस्पतालों में जारी है।
शुक्रवार को हल्द्वानी पहुंचे उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पीड़ितों से मुलाकात की और कहा कि पुलिस ने आरोपियों को चिन्हित करने की कार्रवाही शुरू कर दी है और एक-एक चेहरे की पहचान कर उनसे नुकसान की भरपाई कराई जाएगी। इतना ही नहीं आज भी हल्द्वानी में स्कूल-कॉलेज, मार्केट और इंटरनेट बंद रहेंगे। दंगे के मामले में पुलिस ने 6 हजार लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, अधिकारियों ने बताया कि दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश भी दिए गए हैं। घटना के लिए जिम्मेदार चार लोगों को गिरफतार किया गया है जबकि अन्य की पहचान के लिए फुटेज खंगाले जा रहे हैं ।
हल्द्वानी के नगर पुलिस अधीक्षक हरबंस सिंह ने शुक्रवार को बताया कि घटना में छह दंगाइयों की मौत हुई है । उन्होंने बताया कि एक पत्रकार सहित सात घायलों का शहर के विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है । घायलों में तीन की हालत नाजुक बताई जा रही है । अस्पतालों में भर्ती कराए गए करीब 60 घायलों में से ज्यादातर को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गयी।
हल्द्वानी में हालात का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासन और पुलिस की टीम पर ‘‘सुनियोजित तरीके से हमला किया गया।’’ उन्होंने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल-चाल भी जाना। उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा और जिन लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया है और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने अपर पुलिस महानिदेशक अंशुमान सिंह को फिलहाल हल्द्वानी में ही कैंप करने के निर्देश दिए हैं । मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने भी घटनास्थल का जायजा लिया तथा अधिकारियों को मुस्तैद रहने को कहा । बनभूलपुरा क्षेत्र में स्थित ‘मलिक का बगीचा’ में बने अवैध मदरसे और नमाज स्थल के ध्वस्तीकरण के लिए बृहस्पतिवार शाम मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अमले पर भीड़ ने पथराव किया तथा वाहनों पर पेट्रोल बम फेंककर उन्हें जला दिया था।
उपद्रवियों ने बनभूलपुरा पुलिस थाने को भी फूंक दिया जिसके बाद पुलिस ने भी बल प्रयोग किया। हिंसा में 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। कफर्यू ग्रस्त हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में शुक्रवार को सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि, सड़कों पर फैले पत्थर और जले वाहनों के टुकड़े वहां हुई हिंसा की गवाही दे रहे थे। शुक्रवार को कहीं हिंसा की कोई घटना नहीं हुई । संवेदनशील क्षेत्रों में करीब 1100 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि ‘मलिक का बगीचा’ पर कथित रूप से खड़े ये दो ढांचे (अवैध मदरसा और मस्जिद) सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए थे और अदालत के आदेश का अनुपालन करते हुए उनके ध्वस्तीकरण के लिए पूर्व में ही नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करने से पहले नगर निगम प्रशासन उसका विधिक रूप से कब्जा ले चुका था । सिंह ने बताया कि पथराव छतों से हुआ जहां संभवत: पत्थरों को एकत्र किया गया था। हिंसा में मारे गए कथित दंगाइयों में कुछ को गोली लगी थी।
जिलाधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि भीड़ द्वारा पुलिस थाने में आग लगाए जाने के बाद हालात को काबू में करने के लिए पैर में गोली मारने के आदेश दिए गए। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक कुमार ने कहा कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने तथा आगजनी एवं तोड़फोड़ में शामिल पाए जाने वाले तत्वों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करना है । उधर, अस्पताल में उपचार करा रही एक महिला पुलिसकर्मी ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान भड़की हिंसा के बारे में याद करते हुए एक टेलीविजन चैनल को बताया, ‘‘मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जिंदा बची।’’