नयी दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि 17वीं लोक सभा (2019-24) की कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही है और यह पिछली पांच लोक सभाओं में सबसे अधिक उत्पादक रही।
सत्रहवीं लोकसभा का पंद्रहवां सत्र शनिवार को अनिश्चित काल के लिये स्थगित किया गया। यह बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ और पहले इसे नौ फरवरी को सम्पन्न होना था लेकिन इसकी अवधि एक दिन बढ़ा दी गयी थी। इस 11 दिन के सत्र में नौ बैठकें हुईं।
वर्तमान लोक सभा के विस्तारित बजट सत्र के अंतिम दिन बिड़ला ने बताया कि कुल मिलाकर 274 बैठकें हुईं जिनमें 1354 घंटे तक काम चला। उन्होंने बताया कि 17वीं लोक सभा में सदन ने नियत समय से 345 घंटे की अधिक अवधि तक बैठकें कीं और व्यवधानके कारण 387 घंटे का समय व्यर्थ हुआ।
उन्होंने बताया कि इस लोक सभा ने 222 कानून पारित किये और इस दौरान सदन में 202 विधेयक पुरःस्थापित किये गये।अध्यक्ष ने बताया कि इस सदन के 543 सदस्यों में से 540 सदस्यों की सदन में चर्चा में भागीदारी रही और 17वीं लोक सभा में महिलाओं का अब तक का अधिकतम प्रतिनिधित्व रहा है और महिला सदस्यों ने कार्यवाही में सक्रिय भागीदारी की।
उन्होंने बताया कि वर्तमान लोक सभा के अब तक के कार्यकाल में संसदीय समितियों की
69 प्रतिशत से अधिक सिफारिशों को सरकार द्वारा स्वीकार किया गया।इस लोक सभा के कार्यकाल में शून्य काल के अंतर्गत 5568 मामले उठाये गये।इस अवसर पर कार्यवाही की अध्यक्षता करते हुये श्री बिरला ने कहा कि सत्रहवीं लोकसभा जिसकी पहली बैठक 17 जून, 2019 को हुई थी कई मायनों में ऐतिहासिक रही।
बिरला ने कहा कि इस सत्रहवीं लोक सभा के 543 सदस्यों में से 540 सदस्यों की सदन में चर्चा में भागीदारी रही। इसमें महिलाओं का अधिकतम प्रतिनिधित्व रहा है और सदन की कार्यवाही में उनकी सक्रिय भागीदारी रही।
लोकसभा की उत्पादकता पर बोलते हुये श्री बिरला ने कहा कि 17वीं लोक सभा की कुल कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही, जो पिछली पांच लोक सभाओं में सबसे अधिक है।
श्री बिरला ने 17वीं लोक सभा के दौरान पारित कुछ ऐतिहासिक कानूनों का उल्लेख करते हुये कहा कि संसद के नये भवन में सर्वप्रथम नारी शक्ति वंदन विधेयक, 2023 को चर्चा के लिए लिया गया और सभी दलों के सहयोग से यह ऐतिहासिक विधेयक उसी दिन पारित किया गया। इसके अतिरिक्त, सदन ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन विधेयक, मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, औद्योगिक संबंध संहिता जैसे कई ऐतिहासिक कानून पारित किये।
उन्होंने कहा कि 17वीं लोक सभा के दौरान आजादी के पूर्व बनाये गये अनेक अनुपयोगी कानूनों को निरस्त किया गया और आजादी के पूर्व बनाए गए कानूनों के स्थान पर नये कानून बनाये गये। इस लोक सभा की अवधि के दौरान सदन द्वारा तीन संविधान संशोधन विधेयक पारित किये गये। बिरला ने जानकारी दी कि 17वीं लोक सभा के दौरान 4663 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुये जिसमें 1116 प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गये। इसी अवधि में 55889 अतारांकित प्रश्न भी पूछे गए जिनके लिखित उत्तर सदन में दिए गए। इस दौरान दो अवसरों पर सूचीबद्ध सभी प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गये।
इस लोक सभा में 729 गैर-सरकारी विधेयक सदन में प्रस्तुत किये गये। 17वीं लोक सभा के दौरान संबंधित मंत्रियों ने 26,750 पत्र सभा पटल पर रखे गये।
अध्यक्ष ने कहा कि इस लोक सभा के कार्यकाल में शून्य काल के अंतर्गत 5568 मामले उठाये गये जब कि नियम 377 के अंतर्गत 4869 विषय माननीय सदस्यों द्वारा उठाये गये। दिनांक 18 जुलाई 2019 को शून्य काल के अंतर्गत एक दिन में कुल 161 विषय उठाये गये और 17वीं लोक सभा के पहले सत्र में शून्य काल में 1066 मामले उठाये गये, जो एक कीर्तिमान है।
कार्यपालिका की जवाबदेही को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस लोक सभा में पहली बार शून्य काल में उठाये गये विषयों के उत्तर के लिये संबंधित मंत्रालयों से अनुरोध किया गया और अधिक के उत्तर संवधित मंत्रालय से प्राप्त हुये।
श्री बिरला ने कहा कि 17वीं लोक सभा के दौरान मंत्रियों द्वारा विभिन्न विषयों पर 534 वक्तव्य दिए गए। इस लोक सभा के दौरान नियम 193 के अंतर्गत 12 चर्चाएं की गयी। संसदीय समितियों ने इस लोक सभा में कुल 691 प्रतिवेदन प्रस्तुत किये। वर्तमान लोक सभा के कार्यकाल में किये गए नए प्रयोगों और नवाचारों पर के बारे में श्री बिरला ने पीआआईएसएम (प्रिज्म), संसद सदस्यों के लि ब्रीफिंग सत्र, सदस्यों को पुस्तकों की होम डिलीवरी, कार्यवाही का डिजिटलीकरण, मोबाइल ऐप, ह्वाट्सऐप पर सदस्यों के वीडियो फुटेज की डिलीवरी आदि का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि 17वीं लोक सभा में पेपरलेस ऑफिस के विजन को साकार करते हुये संसदीय कामकाज में डिजिटल माध्यम का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में 97 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों के नोटिस इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दिए जा रहे हैं।
श्री बिरला ने 17वीं लोकसभा में मितव्ययिता उपायों के बारे में बताया कि पूरी लोकसभा के दौरान लगभग 875 करोड़ रुपये की बचत हुई, जो सचिवालय के बजट का 23 प्रतिशत था।
उन्होंने बताया कि 17वीं लोक सभा में कैंटीन सब्सिडी को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया जिससे लगभग 15 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हुई। संविधान सभा में फसाड लाइटिंग की ब्यबस्था और लोक सभा टीवी और राज्य सभा टीवी के बिलय से करोड़ों रुपये कीबचत हुई।
उन्होंने बताया कि इस लोक सभा के दौरान भारत में 16 देशों के संसदीय शिष्टमंडल का आगमन हुआ। साथ ही देश से 42 शिष्टमण्डलों की विदेश यात्रा हुई। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संसदीय मंचों पर हमारी सक्रिय भागीदारी वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती शक्ति एवं प्रतिष्ठा का परिचायक है।