देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा सत्र में 06 फ़रवरी (मंगलवार) को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बिल को सदन के पटल पर रखा जाएगा। यूसीसी को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार सवाल उठा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश के लोग यूसीसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह युगान्तकारी समय है और सभी धर्मों के हित में है। सभी विधायक सकारात्मक रूप से इस चर्चा में भाग लें।
सोमवार को विधानसभा सत्र में दिवंगत विधायक और पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित सदन के सभी सदस्यों ने दिवंगत विधायकों के साथ बिताए हुए पलों को याद किया। दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद विधानसभा में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक की गई।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बताया कि आज विधानसभा में आयोजित कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में समान नागरिक संहिता-यूसीसी को सदन पटल पर रखने का निर्णय लिया गया है। मंगलवार को विधानसभा में इस पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही राज्य आंदोलनकारियों की क्षैतिज आरक्षण की मांग से जुड़ा प्रतिवेदन प्रवर समिति को दिया गया था, उस रिपोर्ट को भी पटल पर रखा जाएगा। कार्य मंत्रणा समिति से कांग्रेस नेताओं (सदस्यों) के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि अभी कुछ ऐसा विषय मेरे पास आया नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रश्न काल नहीं होगा। हम सब और राज्य की जनता भी यूसीसी पर चर्चा करना चाहती है। विधायकों के लिए यह जरूरी होता है कि अपनी बात सदन में रखें। उन्होंने कहा कि यूसीसी ऐसा कानून है, जो देश हित में है और देश आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिस निमित्त इस सत्र को आहूत किया गया है, इसे लेकर लंबे समय से प्रदेशवासियों को इंतजार था। यूसीसी बिल को लेकर सवा करोड़ केवल उत्तराखंड के नहीं अपितु पूरे देश के लोग उत्तराखंड के विधानसभा में यूसीसी बिल कब आएगा, इसको लेकर प्रतीक्षा कर रहे हैं। वह प्रतीक्षा अब समाप्त हो रही है। मंगलवार को विधानसभा में यूसीसी बिल को प्रस्तुत करेंगे। सभी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए चर्चा होगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पूरे देश की नजर हमारी तरफ है। यह युगांतकारी समय है। ये बिल किस प्रकार से आता है और कैसे चर्चा होती है, सभी देखना चाहते हैं। सभी लोग सकारात्मक रूप से चर्चा में भाग लें। मातृशक्ति के उत्थान के साथ ही यह हर पंथ, हर धर्म के हित में है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय एक समान कानून लाने के लिए जनता के सामने हमने संकल्प लिए थे और जनता ने हम पर विश्वास जताया है। अब सरकार काम है, उस पर खरा उतरे। सभी धर्मों के लिए समान कानून लाने का वो समय आ गया है। हम सभी गौरवान्वित हैं। यह मौका उत्तराखंड को मिल रहा है। देश को लंबे समय से, जिसका इंतजार था। वह कल विधेयक के रूप में विधानसभा सत्र में आएगा।
मुख्यमंत्री ने नकल बिल के एक सवाल पर कहा कि प्रधानमंत्री युगदृष्टा हैं और भविष्य को देखने वाले हैं। देश के हरेक जन,गण, मन की चिंता करते हैं। नैनीहालों, कर्णधारों, युवाओं और प्रतिभागी परीक्षाओं में भाग लेने वाले की कठिनाइयों को जानते हैं। वह सब काम करते हैं जो देश की जरूरत है। इस नकल विरोधी कानून को देश की जरूरत है इसी को ध्यान में रखकर यह लाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के संविधान के अनुरूप समान नागरिक संहिता आगे बढ़ेगी। इसे सबके अच्छे के लिए बनाया गया है। अभी विधेयक के रूप में पेश हुआ नहीं है, इसलिए इस प्रकार की शंका करना ठीक नहीं है। किसी को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना है, उसे यह विधेयक साकार करेगा।
विपक्ष ने सरकार पर विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाया। विपक्ष के सदस्य नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह कार्यमंत्रणा की बैठक को बीच में छोड़कर बाहर चले गये थे। कार्यमंत्रणा समिति की बैठक यूसीसी को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर कार्य संचालन नियमावली का पालन न करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह ने कार्य मंत्रणा समिति के सदस्य पद से इस्तीफा देने की बात कही है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सत्र नियमों और नियमावली,परंपराओं से संचालित होता है। अन्य नियमों के तहत प्रश्न काल भी होते हैं जो प्रश्न लगे हैं। ड्राफ्ट को अभी देखे हीं नहीं है, उसके प्रारूप और मसौदा में क्या है। जब उसका अध्ययन करेंगे तब तो जानेंगे और सदन में अपनी बात रखेंगे।
कांग्रेस का कहना है कि ड्राफ्ट के मसौदे के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए। बेहतर होता कि उन खामियों को कांग्रेस विधायक सदन में रखें। अभी इस ड्राफ्ट को प्रवर समिति को भेज देना चाहिए।
इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति कार्य सूची तय करती है। मुझे ऐसा लगता है कि विपक्ष मुद्दा विहीन है। विपक्ष यूसीसी पर चर्चा से बचना चाहता है। विपक्ष नहीं चाहता है कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि जनता के बहुमत में होने के बाद भी विपक्ष का सम्मान किया गया है।