नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नवीनतम अनुमानों के अनुसार 2022 में, भारत में कैंसर के 14.1 लाख से अधिक नये मामले सामने आए और इस रोग के कारण 9.1 लाख से अधिक मौतें हुईं। कैंसर पर शोध के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी (आईएआरएसी) के अनुमानों के अनुसार, पुरुषों में होंठ, मुंह और फेफड़े का कैंसर सबसे आम था, जो नये मामलों का क्रमश: 15.6 प्रतिशत और 8.5 प्रतिशत है।
वहीं, महिलाओं में स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर सबसे आम थे। नये मामलों में इनकी हिस्सेदारी क्रमश: 27 और 18 प्रतिशत थी। आईएआरसी, डब्ल्यूएचओ की कैंसर एजेंसी है। यह भी पाया गया कि कैंसर से पीड़ित होने की जानकारी मिलने के बाद पांच साल तक जीवित रहने वाले लोगों की संख्या भारत में करीब 32.6 लाख है।
वैश्विक स्तर पर, एजेंसी ने कैंसर के दो करोड़ नये मामलों एवं 97 लाख मौतों तथा कैंसर का पता चलने के बाद पांच साल तक करीब 5.3 करोड़ लोगों के जवित रहने का अनुमान लगाया है। प्रत्येक पांच में से एक व्यक्ति कैंसर से पीड़ित होता है और प्रत्येक नौ पुरुष में से एक और 12 महिलाओं में से एक की इस रोग से मौत होती है।
भारत में, 75 वर्ष की उम्र के होने से पहले कैंसर से पीड़ित होने का जोखिम 10.6 प्रतिशत है, जबकि इसी आयुवर्ग में कैंसर से मौत होने का खतरा 7.2 प्रतिशत है। वैश्विक स्तर पर, ये जोखिम क्रमश: 20 प्रतिशत और 9.6 प्रतिशत हैं। डब्ल्यूएचओ ने 115 देशों से सर्वे नतीजों को प्रकाशित करते हुए कहा कि अधिकांश देश सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के हिस्से के रूप में कैंसर और इस रोग के कारण होने वाले दर्द से संबंधित देखभाल सेवाओं को पर्याप्त रूप से वित्तपोषित नहीं करते हैं।
आईएआरसी के अनुमान से पता चला है कि 2022 में वैश्विक स्तर पर लगभग दो-तिहाई नये मामलों और मौतों में 10 प्रकार के कैंसर शामिल थे। उनके डेटा में 185 देश और 36 तरह के कैंसर शामिल हैं। विश्लेषण में पाया गया कि फेफड़े का कैंसर सबसे आम कैंसर है(कुल नये मामलों का 12.4 प्रतिशत) और कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण भी है, जो कैंसर से होने वाली कुल मौतों का लगभग 19 प्रतिशत है।
कैंसर एजेंसी ने कहा कि एशिया में तंबाकू का सेवन सबसे आम कैंसर के रूप में फेफड़े के कैंसर के फिर से उभरने का एक संभावित कारण हो सकता है। आईएआरसी ने पाया कि महिलाओं में स्तन कैंसर (कुल नये मामलों का 11.6 प्रतिशत) दूसरा सबसे अधिक होने वाला कैंसर है और वैश्विक स्तर पर कैंसर से होने वाली मौतों में इसकी हिस्सेदारी लगभग सात प्रतिशत है।आंकड़ों से यह भी पता चला कि सर्वाइकल कैंसर वैश्विक स्तर पर आठवां सबसे आमतौर पर होने वाला कैंसर था और कैंसर से होने वाली मौतों का नौवां प्रमुख कारण था। एजेंसी ने कहा कि कैंसर की बढ़ते मामलों के पीछे तंबाकू, शराब और मोटापा प्रमुख कारक हैं, वायु प्रदूषण अभी भी एक प्रमुख पर्यावरणीय कारक बना हुआ है।