देहरादून। भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1988 बैच की अधिकारी राधा रतूड़ी ने बुधवार सायं सचिवालय में 18वें मुख्य सचिव का कार्यभार संभाल लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता समान नागरिक संहिता (यूसीसी) है। ये दशक उत्तराखंड का होगा, इसी विजन के साथ उत्तराखंड को सर्वोच्च राज्य बनाने के लिए कार्य करेंगे।
सचिवालय में रतूड़ी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्य सचिव के रूप में प्रधानमंत्री के कथन ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा और मुख्यमंत्री उसी विजन के अनुरूप प्रदेश को आगे ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मूल मंत्र सरलीकरण, समाधान,निस्तारण और संतुष्टि पर पूरी टीम काम करेगी। सभी अधिकारी अपना अधिकाधिक कार्य के साथ राज्य के विकास में काम करेंगे। उत्तराखंड को देश का सर्वोच्च राज्य बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंतिम व्यक्ति तक विकास योजनाओं को पहुंचाने का काम कर रही है, जो भी फरियादी सचिवालय आते हैं उनके समस्याओं पर बेहतर तरीके से समाधान के लिए काम किया जाएगा। उत्तराखंड को देश के सर्वोच्च राज्य बनाएंगे।
प्रदेश में बहुत अच्छी परियोजनाएं चल रही है जिसको धरातल पर उतारना है। सरकार के सामने अभी सबसे बड़ी प्राथमिकता यूसीसी है। समिति दो फरवरी को मुख्यमंत्री को ड्राफ्ट सौंपेगी। कैबिनेट के बाद पांच फरवरी से चलने वाली विधानसभा सत्र के दौरान यूसीसी को रखा जाएगा और चर्चा होगा। यूसीसी लागू करने वाला देश का उत्तराखंड पहला राज्य बनेगा।
धामी सरकार ने उन्हें मुख्य सचिव बनाकर मातृ शक्ति को बड़ा सम्मान दिया है। सचिव शैलेश बगोली ने नए मुख्य सचिव को लेकर आदेश जारी किया है। मौजूदा मुख्य सचिव एसएस संधू की सेवाएं आज ( 31 जनवरी ) समाप्त हो रही हैं।
धामी सरकार ने 1988 बैच की आईएएस अधिकारी और वर्तमान में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाने पर मुहर लगाई है। राधा रतूड़ी आज मुख्य सचिव संधू की सेवानिवृत्ति पर पदभार ग्रहण करेंगी।
आईएएस राधा रतूड़ी अपने 36 वर्ष के कार्यकाल में कई अहम पदों पर रही हैं। वो राज्य के सर्वोच्च प्रशासनिक पद पर अलग राज्य बनने के बाद आसीन होने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी होंगी। 1973 बैच की आईपीएस अधिकारी कंचन चौधरी भट्टाचार्य वर्ष 2004 में राज्य की पहली महिला डीजीपी बनी थीं। आईएएस राधा रतूड़ी के पति 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिल रतूड़ी भी डीजीपी रहे हैं। यह संयोग राज्य में पहली बार होगा, जब पति व पत्नी, दोनों ही प्रशासनिक व पुलिस सेवा के वरिष्ठतम पद पर आसीन हुए हों।