देहरादून। 75 वां गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर घोषित प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों की सूची में भारत के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रसिद्ध गेहूं वैज्ञानिक डॉ रवि प्रकाश सिंह को भारत सरकार के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किए जाने से भारत के कृषि जगत में खुशी की लहर दौड़ गई है। डॉ. रवि प्रकाश सिंह मेक्सिको स्थित अंतर्राष्ट्रीय मक्का और गेहूं सुधार केंद्र (सीआईएमएमवाईटी) में एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक रहे हैं। साथ ही में वैश्विक गेहूं सुधार के प्रमुख भी रह चुके हैं, तथा उन्होंने दुनिया भर में खाद्य उत्पादन बढ़ाने के लिए लगभग चार दशक समर्पित किए। डॉ. सिंह ने मेक्सिको, भारत और अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के कई देशों में खाद्य उत्पादन और पोषण सुरक्षा बढ़ाने के लिए शोध और समाधान विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा अपने कार्यकाल में 550 से भी अधिक गेहूं की किस्मों के विकास में योगदान दिया है । पिछले दो दशकों के दौरान, उनकी टीम ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) नेटवर्क के माध्यम से भारत में जारी गेहूं की कई किस्मों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उत्तर प्रदेश के एक कृषक परिवार में जन्मे डॉ. सिंह ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा केन्द्रीय विद्यालय, तत्पश्चात अपनी स्नातक व स्नातकोत्तर शिक्षा प्रसिद्ध बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से कृषि में प्राप्त की। तदुपरांत डॉ. सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित सिडनी विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. सिंह 1983 में अपने पोस्ट-डॉक्टरेट के लिए अंतर्राष्ट्रीय मक्का और गेहूं सुधार केंद्र (सी.आई.एम.एम.वाई.टी.) में शामिल होने के लिए मैक्सिको चले गए तथा अगले चार दशक इसी संस्था के साथ जुड़े रहते हुए इन्होंने गेहूं की रतुवा रोगरोधी जीनो व किस्मों के विकास में अभूतपूर्व अनुसंधान किया। डॉ. सिंह अमेरिका की कई प्रतिष्ठित विज्ञान अकादमी तथा भारत की प्रतिष्ठित नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस ( एनएएएस) के फैलो रह चुके हैं। अपनी उपलब्धियो के चलते डॉ सिंह को 2021 में भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के निदेशक डॉ लक्ष्मीकांत, जिनको कि पूर्व में 2010 में मेक्सिको स्थित अंतर्राष्ट्रीय मक्का और गेहूं सुधार केंद्र में डॉ सिंह के साथ काम करने का अवसर मिला, ने डॉ रवि प्रकाश सिंह के प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार पाने पर खुशी व्यक्त की तथा डॉ सिंह को अपनी व संस्थान की ओर से शुभकामनाएं प्रेषित की। डॉ रवि प्रकाश सिंह को दूरभाष पर वार्ता कर बधाई एवं शुभकामनाएं व्यक्त की। डॉ सिंह ने बताया कि यह उपलब्धि उनको विश्वभर के वैज्ञानिकों के सहयोग के फलस्वरूप प्राप्त हुई है तथा डॉ सिंह ने उन सभी का धन्यवाद प्रेषित किया। उल्लेखनीय है कि वि.प. कृ. अनु. सं., अल्मोड़ा की गेहूं की दो प्रजातियां वी एल गेहूं 967 एवं वी एल गेहूं 2014 का विकास डॉ रवि प्रकाश सिंह के द्वारा विकसित जननद्रव्य से चिन्हित की गयी है।