मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के महाराष्ट्र विधानसभा ( Maharashtra Legislative Assembly) अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आदेश को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की याचिकाओं पर बुधवार को नार्वेकर और उद्धव ठाकरे समूह के 14 विधायकों को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ ने महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय को भी नोटिस जारी किया और सभी प्रतिवादियों को याचिका पर हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया। पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए आठ फरवरी की तारीख निर्धारित कर दी।
शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले द्वारा प्रतिद्वंद्वी खेमे के 14 विधायकों के खिलाफ दायर याचिकाओं में कहा गया है कि वह संबंधित अयोग्यता याचिकाओं को खारिज करने के विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर के 10 जनवरी के आदेश की “वैधता, औचित्य और यथार्थता” को चुनौती दे रहे हैं। गोगावले ने उच्च न्यायालय से विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को कानून की दृष्टि से अनुचित घोषित करने, इसे रद्द करने और ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) के सभी 14 विधायकों को अयोग्य घोषित करने का आग्रह किया है।
अदालत ने कहा, “सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया जाए। यदि कोई हो तो जवाबी हलफनामा पहले ही दाखिल किया जाए और इसकी प्रतियां याचिकाकर्ता को दी जाएं। मामला 8 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया जाता है।” विधानसभा अध्यक्ष ने शिंदे समेत सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका भी खारिज कर दी थी।