पंजाब को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में एक्शन में मान सरकार
आदेश के बाद मुहिम को सफल बनाने में जुटी पुलिस
-संवाददाता, चंडीगढ़।
पंजाब ( Punjab) में पिछले कुछ समय से पुलिस के गैंगस्टरों से मुठभेड़ के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। गैंगस्टर जख्मी भी हो रहे हैं और पकड़े भी जा रहे हैं। यह पंजाब को गैंगस्टर मुक्त करने की मुहिम है। पुलिस को उम्मीद है कि इस अभियान में उसे जल्दी ही कामयाबी मिल जाएगी। पुलिस की उम्मीदें पूरी हो पाएंगी या नहीं, यह आने वाला समय तय करेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पुलिस को पंजाब को अपराध मुक्त बनाने के लिए कहा है. ऐसे में पुलिस ने गैंगस्टरों पर शिकंजा कसना शुरु तो कर दिया है.
लॉरेंस गैंग का शूटर गिरफ्तार
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गिरोह के एक शॉर्प शूटर को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शॉर्प शूटर की पहचान फिरोजपुर के सतीयेवाला गांव के विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की के रूप में हुई है। विक्की पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में हत्या, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट समेत 20 मामलों में वांछित था। उसके कब्जे से चीन निर्मित .30 कैलिबर बोर की पिस्टल और आठ कारतूस के बरामद किए गए हैं। आरोपी से टोयोटा फॉर्च्यूनर कार भी मिली है, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। विक्की के खिलाफ स्टेट क्राइम थाने में आर्म्स एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया गया है।
डीएसपी बिक्रमजीत सिंह बराड़ के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने आरोपी विक्की का पीछा कर उसे एक अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया। विक्की वहां छिपकर रह रहा था। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी विक्की को पाकिस्तान में चल रही एजेंसियों से मदद मिल रही थी। विक्की गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और साबा (यूएसए) के माध्यम से पाकिस्तान के हथियार व नशा तस्करों के संपर्क में था और सीमा पार से हथियारों और नशे की खेप प्राप्त करता था। विक्की को प्रतिद्वंद्वी गिरोह दविंदर बंबीहा गिरोह के सदस्यों को खत्म करने का काम भी सौंपा गया था।
पुलिस के मुताबिक वर्ष 2018 में राजस्थान के श्रीगंगानगर में एक जिम में गोली मारकर जॉर्डन नामक युवक की हत्या की गई थी। इस वारदात में विक्की भी शामिल था। विक्की ने यह हत्या गैंगस्टर अंकित भादू के साथ मिलकर की थी। अंकित भादू बाद में फरवरी, 2019 में पीरमुछल्ला में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। पीरमुछल्ला में अंकित भादू के मारे जाने के बाद आरोपी विक्की ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गिरोह में उसकी जगह ले ली और पंजाब, हरियाणा और राजस्थान राज्यों में आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हो गया था।
मोहाली में मुठभेड़
गैंगस्टर प्रिंस चौहान के इशारे पर खरड़ में बिल्डर को निशाना बनाने आए दो बदमाशों को पुलिस ने गांव दाऊं के पास मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ के दौरान बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की। जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें एक बदमाश के पैर में दो और दूसरे के पैर में तीन गोलियां लगीं। दोनों बदमाशों की पहचान बृजलाल और प्रदीप उर्फ शेट्टी के रूप में हुई है। दोनों हरियाणा में अंबाला जिले के नारायणगढ़ क्षेत्र के रहने वाले हैं।
दोनों बदमाशों को फेज-6 के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मौके पर पहुंचे एसएसपी डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि बदमाश बृजपाल और शेट्टी के पैर में गोलियां लगीं हैं। दोनों की हालत खतरे से बाहर है। दोनों गैंगस्टर प्रिंस चौहान के गिरोह से जुड़े हुए हैं। आरोपियों से दो हथियार बरामद हुए हैं। बलौंगी थाना पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। बृजपाल पर पहले से ही आठ एफआईआर दर्ज हैं।
डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि दो महीने से बलौंगी, झामपुर, मुल्लांपुर और न्यू चंडीगढ़ के लोगों को फिरौती और धमकी भरी कॉल आ रही थीं। पुलिस को लगातार शिकायतें मिल रहीं थीं। पुलिस जांच में जुटी थी। पता चला कि बिना नंबर प्लेट की बाइक पर सवार होकर दो बदमाश खरड़ में एक बिल्डर को निशाना बनाने आ रहे हैं।
सीआईए स्टाफ ने उनकी तलाश शुरू कर दी। गांव दाऊं के पास एक कब्रिस्तान के नजदीक बाइक पर दो संदिग्ध युवक आते दिखे। डीएसपी गुरशेर सिंह व पुलिस टीम ने उन्हें रुकने का इशारा किया तो वह भागने लगे। इस बीच उनकी बाइक पुलिस की गाड़ी से टकराकर गिर गई। बाइक गिरते ही दोनों युवकों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। उन्होंने पुलिस पर चार फायर किए। जवाब में पुलिस ने छह गोलियां चलाईं, जिनमें से पांच गोलियां आरोपियों के पैरों में लगीं।
मुठभेड़ के बाद फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य इकट्ठे किए। पुलिस के मुताबिक गैंगस्टर प्रिंस चौहान उर्फ राणा गैंगस्टर लक्की पटियाल का खास है और वह उसके लिए ही काम करता है। प्रिंस विदेश से ही अपना गिरोह चलाता है और लोगों को धमकाकर रंगदारी वसूलता है। जो लोग रंगदारी नहीं देते, उन पर अपने गुर्गों से हमला करवाता है। इस गिरोह ने खरड़ के एक बिल्डर से भी रंगदारी मांगी थी, मना करने पर प्रिंस ने बृजपाल और शेट्टी को उस पर हमला करने की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन उससे पहले ही सीआईए को इसकी सूचना मिल गई और दोनों को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।
पंजाब गोसेवा कमीशन के पूर्व वाइस चेयरमैन और कांग्रेस के सीनियर नेता कमलजीत सिंह चावला के घर पर तीन युवकों ने आठ दिसंबर को फायरिंग की कोशिश की थी, लेकिन उनकी पिस्टल जाम हो गई थी। इसके बाद वे धमकी भरे पत्र के साथ गोलियों के खोल घर के आंगन में फेंक कर भाग गए थे। तीनों युवक सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गए थे। उन तीन युवकों में से दो बृजलाल और शेट्टी ही थे।
तरनतारन में मुठभेड़
तरनतारन में भी पुलिस की गैंगस्टरों से मुठभेड़ हुई है। सीआईए स्टाफ की टीम और गैंगस्टर व उसके साथियों के बीच फायरिंग हुई, जिसमें एक गैंगस्टर को गोलियां लगीं। इसके बाद उसे और उसके साथी को पुलिस ने पकड़ लिया। जख्मी हालत में गैंगस्टर को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पकड़े गए गैंगस्टर की पहचान चरणजीत उर्फ राजू शूटर निवासी गांव संघा के रूप में हुई है, जबकि उसके साथी की पहचान परमिंदरदीप सिंह निवासी गांव इब्बन के रूप में हुई है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि राजू शूटर अपने साथी के साथ बाइक पर वारदात को अंजाम देने के लिए इलाके में घूम रहा है। पुलिस ने इसके बाद गुरुद्वारा बीड साहिब से गांव कसेल को जाने वाली सड़क पर नाकाबंदी कर दी। इसी दौरान बाइक पर दो लोग आए। दोनों को रुकने का इशारा किया गया तो उन्होंने पुलिस पर चार गोलियां चला दीं। इस पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। जिसमें एक बदमाश को दो गोलियां लगी।
गैंगस्टर राजू शूटर पर 8 मामले दर्ज हैं। उसने दो माह पहले गांव ढोटीया में सरकारी बैंक लूटने में विफल रहने पर एएसआई बलविंदर सिंह को गोली मारकर घायल कर दिया था। डीएसपी तरसेम मसीह ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान पुलिस की गाड़ी पर भी 2 गोलियां लगी हैं, जबकि दो पुलिस कर्मचारी बाल-बाल बचे हैं।
जगरांव में मुठभेड़
पंजाब के जगरांव में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद तीन बदमाशों को धर दबोचा है। तीनों आरोपी कनाडा में बैठे अपने आका के इशारे पर वारदात को अंजाम देते थे। दरअसल, पुलिस इन्हें जब पकड़ने गई तो आरोपियों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। इस दौरान संतुलन बिगड़ने पर सभी बाइक से नीचे गिर पड़े। इसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों का आका दविंदर पाल सिंह कनाडा में छिपा है। पुलिस ने उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने आरोपियों से तीन पिस्तौल और 240 नशे की गोली बरामद की हैं। आरोपियों की पहचान दविंदर पाल सिंह उर्फ गोपी निवासी वार्ड नंबर-32 मोहल्ला लहोरिया मोगा के रूप में हुई है। हालांकि, वह अभी कनाडा में है। अन्य की पहचान गुरप्रीत सिंह उर्फ बब्बू, मनप्रीत सिंह उर्फ सेवक निवासी भदौड़ व लवप्रीत सिंह लभा के गांव काउंके खोसा के रूप में हुई है। एसएसपी नवनीत सिंह बैंस ने बताया कि पुलिस ने चौकीमान के पास नाकाबंदी की थी। इसी दौरान सूचना मिली कि लाहोरिया गैंग के गुर्गे गांव कुलार की तरफ से आ रहे हैं। सूचना के आधार पर नाकाबंदी कर आरोपियों का इंतजार किया गया।
आरोपी जब वहां पहुंचे तो उन्होंने पुलिस का नाका देख हवा में फायरिंग की। जवाब में पुलिस ने भी आरोपियों की बाइक पर गोली चलाई। इससे संतुलन बिगड़ने से आरोपी नीचे आ गिरे। एक आरोपी के पैर में चोट लगी है। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि मुल्लापुर दाखा में एक व्यक्ति से रंगदारी मांगने की खातिर हवाई फायरिंग की थी।
बैंस ने बताया कि आरोपी कनाडा में छिपे दविंदर पाल सिंह के कहने पर कारोबारी और व्यापारियों से रंगदारी मांगते थे। आरोपी नशे की गोलियां भी बेचते थे। आरोपी दविंदर पाल सिंह 2022 में कनाडा चला गया था। वहां जाने के बाद उसने पंजाब में अपना गैंग बनाया। इसके बाद आरोपी के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए गए। गुरप्रीत सिंह पर चोरी का मामला दर्ज है और मनप्रीत सिंह पर लूटपाट समेत दो मामले दर्ज हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान को पंजाब को गैंगस्टर मुक्त बनाने में कब तक और कितनी कामयाबी मिलेगी, यह आने वाला समय तय करेगा, लेकिन इतना जरूर हैं कि पुलिस ने गैंगस्टरों के खिलाफ अपनी मुहिम जरूर तेज कर दी है।