जम्मू। विशेष जांच एजेंसी ( SIA) ने यहां कथित तौर पर आतंकी वित्तपोषण में शामिल सीमा पार के एक मादक पदार्थ गिरोह का हिस्सा होने के लिए एक पुलिसकर्मी समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जम्मू के सेलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल सैफ-उद-दीन और उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में उरी के पूर्व सरपंच फारूक अहमद जुंगल की गिरफ्तारी के बाद मामले में आरोपियों की संख्या 17 हो गई है।
उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री और नेचर-मैनकाइंड फ्रेंडली पार्टी के अध्यक्ष जतिंदर सिंह उर्फ ‘‘बाबू सिंह’’ से जुड़े हवाला मामले की जांच के बाद एसआईए ने गिरोह का खुलासा किया था। सिंह को अप्रैल 2022 में गिरफ्तार किया गया था जब दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग निवासी उनके एक कार्यकर्ता मोहम्मद शरीफ शाह को जम्मू में 6.90 लाख रुपये की हवाला राशि के साथ पकड़ा गया था। एसआईए ने इस मामले में पूर्व मंत्री समेत 12 आरोपियों के खिलाफ पहले ही आरोप पत्र दायर कर दिया था।
नौ आरोपी केंद्रीय कारागार में बंद हैं जबकि तीन भगोड़े पाकिस्तान में हैं। अधिकारियों ने कहा कि एसआईए की एक टीम ने मंगलवार को यहां बेलिचराना इलाके में पुलिसकर्मी के घर पर छापा मारा और कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जब्त किए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को वित्तपोषित करने वाले नशीले पदार्थों की आपूर्ति के तंत्र को खत्म करने के लिए आगे की जांच जारी है। इससे पहले भी अधिकारियों ने कहा था कि पुलिसकर्मी पर नशीला पदार्थ निषेध से संबंधित एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था जब उसे पठानकोट के शाहपुर कंडी इलाके से 200 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था।
पिछले साल सितंबर में उरी के ही रहने वाले मुख्य आरोपी मोहम्मद शरीफ चेची की गिरफ्तारी के बाद पुलिसकर्मी और पूर्व सरपंच की भूमिका सामने आई। अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच अपने हाथ में लेने के बाद एसआईए ने आरोपियों द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली का खुलासा किया जिसमें चेची भी शामिल था। चेची आतंकी वित्तपोषण के मकसद से धन जुटाने के लिए नियंत्रण रेखा के पार से नशीले पदार्थ इकट्ठा करता था।
अधिकारियों ने कहा कि शाह की गिरफ्तारी के बाद यह मामला शुरू में जम्मू के गांधी नगर थाने में दर्ज किया गया था। ऐसी विशेष सूचना मिली थी कि वह पूर्व मंत्री के साथ जम्मू स्थित अलगाववादियों की नापाक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और उनके एजेंटों के निर्देशों के तहत काम कर रहा था।