स्कूली छात्राओं से अश्लील हरकत की वायरल चिट्ठी के बाद खट्टर सरकार सख्त
‘मुझसे फ्रेंडशिप कर लो, फेल नहीं होने दूंगा’ जैसे प्रलोभन देकर बच्चियों को फुसलाते थे टीचर
-संवाददाता, चंडीगढ़।
स्कूल शिक्षा के मंदिर माने गए हैं। गुरु-शिष्य के रिश्ते को बड़ा पवित्र माना गया है, लेकिन इस समय हरियाणा के सरकारी स्कूलों से जिस तरह की अश्लील घटनाएं सामने आ रही हैं, शर्म से सिर झुक जाता है। कल्पना करना भी मुश्किल है कि सरकारी स्कूलों में हवस के भूखे ऐसे भेड़िये भी हैं। हरियाणा जैसे राज्य में, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया था, खुद प्रिंसिपल छात्राओं से छेड़छाड़ की घटनाओं में लिप्त पाए जा रहे हैं। एक नहीं, दो-दो सरकारी स्कूलों से इस तरह की शर्मनाक घटनाओं का सामने आना, चिंताजनक है।
हरियाणा सरकार को देखना होगा कि स्कूलों के प्रिंसिपलों को क्या हो गया है?
स्कूल के जिन मुखियाओं पर छात्राओं को प्रोत्साहित करने, आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है, वही छेड़छाड़ की घटनाओं को अंजाम देने में लगे हैं। जिन शिक्षकों को बच्चों को संस्कारित करना चाहिए, वे खुद चरित्रहीन होंगे तो क्या परिणाम निकलेंगे। यह सोच कर ही सिरहन होती है। भले ही ऐसे लंपट शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया हो, लेकिन यह तो देखना ही पड़ेगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है। अगर इस तरह की कुछ और घटनाएं सामने आईं तो अभिभावक निश्चित ही अपनी बच्चियों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजने के मामले में दस बार सोचेंगे।
60 छात्राओं से छेड़छाड़
छात्राओं से छेड़छाड़ का पहला मामला जींद जिले के उचाना के सरकारी स्कूल का है। जब 60 छात्राओं से छेड़छाड़ का मामला अखबारों की सुर्खियां बनने लगा तो पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल करतार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। छात्राओं की शिकायत पर पुलिस ने प्रिंसिपल के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत भी मामला दर्ज कर लिया।
पीड़ित छात्राओं से बातचीत के बाद हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया को डीजीपी शत्रुजीत कपूर को चिट्ठी लिख कर आरोपी प्रिंसिपल को गिरफ्तार करने के निर्देश देने पड़े। इससे पहले पीड़ित छात्राओं ने आरोपी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति के साथ ही हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और शिक्षा मंत्री कंवरपाल को भी अपनी शिकायतें भेजी थीं।
पुलिस को शक रहा है कि आरोपी प्रिंसिपल के कुछ बड़े नेताओं के साथ संबंध हो सकते हैं। इससे पहले आरोपी प्रिंसिपल पर दूसरे स्कूलों में नियुक्ति के दौरान भी छेड़छाड़ के आरोप लगे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और उन मामलों को दबा दिया गया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी से पुराने मामलों को लेकर भी पूछताछ होगी।
शिक्षा विभाग ने जहां आरोपी प्रिंसिपल को फ़ौरन प्रभाव से पहले निलंबित किया और फिर बर्खास्त भी कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच के लिए नरवाना के डीएसपी अमित भाटिया की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया और उसे गिरफ्तार कर प्रिंसिपल से लंबी पूछताछ की।
प्रिंसिपल पर छात्राओं को फेल का डर दिखा कर छेड़छाड़ के आरोप लगे तो पुलिस ने पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया। शिक्षा विभाग ने आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ जांच के लिए यौन उत्पीड़न समिति का गठन भी किया है। जींद की जिला शिक्षा अधिकारी ज्योति ने स्कूल का दौरा किया। छात्राओं के शोषण की दास्तान सुन कर उनकी आंखों में आंसू छलक आए। छात्राओं ने स्कूल के प्रिंसिपल करतार सिंह पर आरोप लगाए थे कि उन्हें ऑफिस में बुला कर छेड़ा जाता है। अपने ऑफिस में प्रिंसिपल ने काले शीशे लगवा रखे थे, जिसमें अंदर से तो सब साफ़ दिखाई देता है, लेकिन बाहर की तरफ से कुछ भी दिखाई नहीं देता था।
प्रिंसिपल पर छात्राओं का आरोप है कि उन्हें प्रेक्टिकल में कम नंबर देने और बदनाम करने का डर दिखा कर उनके साथ छेड़छाड़ की गई। कई छात्राएं तो परेशान हो कर स्कूल भी छोड़ गई। पीड़ित छात्राओं ने स्कूल के स्टाफ से भी शिकायत की, लेकिन उनकी किसी ने कोई सुनवाई नहीं की। इसके बाद उन्होंने तंग हो कर कई जगह शिकायतें भेजीं। इसके बाद ही प्रिंसिपल को निलंबित किया गया।
उचाना के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के मामले में जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रिंसिपल के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई को अपनी मंजूरी दे दी। यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 311 (बी) के तहत की गई। जांच रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि कई छात्राओं ने प्रिंसिपल के खिलाफ दुर्व्यवहार को लेकर अपने बयान दर्ज कराए हैं।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में आरोपी प्रिंसिपल की गिरफ्तारी के बाद संबंधित स्कूल में महिला प्रिंसिपल की नियुक्ति की गई है। साथ ही स्कूल में 16 नए स्टाफ कर्मचारियों को भी नियुक्त कर दिया गया है। पीड़ित चार छात्राओं की तरफ से उचाना थाने में प्रिंसिपल के खिलाफ लिखित शिकायत देने के बाद ही पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।
प्रिंसिपल ही छेड़ता था छात्राओं को
छात्राओं से छेड़छाड़ का दूसरा मामला हरियाणा के कैथल जिले में गुहला क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल का है। यहां भी छेड़छाड़ का आरोपी प्रिंसिपल ही है। मामला सामने आने के बाद प्रिंसिपल रवि कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार के कर लिया और शिक्षा विभाग ने उसे निलंबित कर दिया। इस मामले की जांच के लिए भी एसआईटी गठित की गई है। एसआईटी ने स्कूल का दौरा कर छात्राओं और गांव के लोगों से बातचीत की है। सीवन थाना क्षेत्र के तहत आने वाले इस स्कूल की छात्राओं ने प्रिंसिपल पर अश्लील हरकतें करने के आरोप लगाए हैं। कोई कार्रवाई नहीं होने पर छात्राओं को प्रदर्शन भी करना पड़ा था।
इस मामले में भी प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया को आगे आना पड़ा है। उन्होंने ही कैथल जिले के पुलिस अधीक्षक को आरोपी प्रिंसिपल की गिरफ्तारी के आदेश दिए। इसके बाद 24 घंटे के भीतर प्रिंसिपल की गिरफ्तारी हो गई। जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार के मुताबिक शिक्षा निदेशालय ने रवि कुमार को फ़ौरन प्रभाव से निलंबित कर दिया। छात्राओं का आरोप था कि वे स्कूल के प्रिंसिपल की अश्लील हरकतों की वजह से परेशान थीं। प्रिंसिपल उन्हें अपने दफ्तर में अकेले बुलाता था और गलत हरकतें करते हुए धमकी देता था कि अगर किसी को कुछ बताया तो स्कूल से उनका नाम काट दिया जाएगा। आरोप यह भी हैं कि प्रिंसिपल लड़कियों के साथ गाली दे कर बात करता था।
बहरहाल, राज्य सरकार को चाहिए कि छात्राओं के स्कूलों में महिला प्रिंसिपलों की ही नियुक्ति की जाए। अगर पुरुष प्रिंसिपल की नियुक्ति हो तो पहले उसके चाल-चरित्र के बारे में पूरी जानकारी ले ली जाए। जरूरत छात्राओं का मनोबल तोड़ने की नहीं, उन्हें प्रोत्साहित करने की है। इस संबंध में सरकार को समय रहते फैसले लेने होंगे। अगर भविष्य में सरकारी स्कूलों में छेड़छाड़ की कुछ और घटनाएं सामने आईं तो हरियाणा में दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ नारे का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।