Parliament security in Lok Sabha: संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों के जोरदार हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद शुरू होने के करीब 15 मिनट के भीतर स्थगित कर दी गई। एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे जैसे ही फिर से शुरू हुई, विपक्ष के सदस्य जोर-जोर से सरकार विरोधी नारे लगाने लगे।
पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने हंगामे के बीच ही जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर जाने का अनुरोध किया, लेकिन सदस्यों ने नारेबाजी जारी रखी। अग्रवाल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष (ओम बिरला) ने इससे पहले सभी सदस्यों से आग्रह किया है कि वे तख्तियां लेकर न आएं, लेकिन सदस्य उनकी सलाह पर अमल नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सदस्यगण, तख्तियां दिखाकर अपने विरुद्ध कार्रवाई को आमंत्रित कर रहे हैं… तख्तियां दिखाकर आसन को अपने खिलाफ कार्रवाई को विवश न करें।’’ हालांकि, पीठासीन सभापति के अनुरोध का कोई असर हंगामा कर रहे सदस्यों पर नहीं हुआ और 12 बजकर 15 मिनट के करीब सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इससे पहले भी सदन की कार्यवाही 15 मिनट में ही स्थगिन करनी पड़ी थी।
सुबह कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष बिरला ने संसद की सुरक्षा में चूक संबंधी घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से चिंता जताई थी और सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के सुझाव के आधार पर उन्होंने कुछ सुरक्षा उपाय किए हैं और कुछ पर भविष्य में अमल किया जाएगा।
उन्होंने सदन की अवमानना के मामले में पिछले सप्ताह विपक्ष के 13 सदस्यों को निलंबित किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि निलंबन का सुरक्षा में चूक की घटना से कोई संबंध नहीं है और इसका संबंध संसद की गरिमा एवं प्रतिष्ठा बनाये रखने से है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी सदस्य को निलंबित किया जाता है तो मुझे व्यक्तिगत पीड़ा होती है।’’