नई दिल्ली। लोकसभा के बाद राज्यसभा में अमर्यादित आचरण और आसन की अवहेलना करने के लिए विपक्ष के अनेक प्रमुख सदस्यों सहित 45 सदस्यों को साेमवार को सदन से निलंबित कर दिया गया जिनमें से 11 सदस्यों के आचरण का मामला सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है जो तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। सदन ने 34 सदस्यों को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया है जबकि 11 सदस्यों का निलंबन विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक लागू रहेगा।
संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों का जमकर हंगामा देखने को मिला है। शुक्रवार को दोनों सदनों से कुल 14 सांसदों के निलंबन के बाद आज यानी सोमवार को स्पीकर ने लोकसभा से 33 और सांसदों को निलंबित कर दिया। वहीं, दूसरी ओर राज्यसभा में भी हंगामा मचाने को लेकर सभापति ने 45 सांसदों को निलंबित कर दिया है। इस तरह से देखें तो अब तक 92 सांसदों पर एक्शन लिया जा चुका है।
राज्यसभा ने सोमवार को सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए विपक्षी दलों के 34 सदस्यों को मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए तथा 11 सदस्यों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित कर दिया। सभापति जगदीप धनखड ने सदन में हंगामे को लेकर विपक्षी दलों के 34 सदस्यों का नाम लिया। आसन द्वारा सदस्यों का नाम (नेम करना) लिया जाता है तो इसे उन सदस्यों को निलंबित करने की प्रक्रिया की शुरुआत माना जाता है। इसके बाद नेता सदन पीयूष गोयल ने 34 सदस्यों के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।