जहरीली शराब से मौत का गुनहगार कौन?

हरियाणा में हुए शराबकांड में मरने वालों का आंकड़ा दो दर्जन के पार
मौतों पर सियासत गर्म, गिरफ्तारियां भी हो रहीं लेकिन पीड़ित परिजन संतुष्ट नहीं
संवाददाता, चंडीगढ़।
क्या हरियाणा (Haryana) में नकली शराब बिकनी बंद हो सकती है? क्या ऐसा कोई इंतजाम संभव है कि भविष्य में जहरीली शराब ( Poisonous alcohol) से किसी की मौत नहीं हो? क्या नकली शराब बेच कर लोगों की जान लेने वाले आरोपियों ( The accused) को ऐसी सजा मिलेगी कि भविष्य में कोई ऐसी हरकत करने की सोच भी नहीं सके? इन सवालों का जवाब मिल पाएगा या नहीं, मौजूदा व्यवस्था में कुछ कह पाना संभव नहीं है? मूल बात तो यही है कि इतने लोगों की जान जाने के लिए जिम्मेदार कौन है? हां, जांच के नाम पर मामले में लीपापोती होगी। कुछ लोग गिरफ्तार (  Arrested) होंगे, मुकदमा चलेगा लेकिन कब तक फैसला आएगा, कुछ कहा नहीं जा सकता। साथ ही, कितने लोगों को सजा होगी, कितने बरी होंगे, अभी कुछ कहना संभव नहीं हैं। इतना जरूर कहा जा सकता है कि मरने वाले रिकॉर्ड के रूप में कागजों में जरूर दर्ज हो जाएंगे।

24 लोगों ने गंवाई जान

सब जानते हैं कि यमुनानगर में जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा है। जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई है। इसके साथ ही जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या 18 से बढ़ कर 24 तक पहुंच गई है।  जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वालों में सारन गांव के अजमेर (70) और परमजीत (45) शामिल हैं, जबकि पंजेटो माजरा गांव में अरुण उर्फ विक्की (32) की भी मौत हुई है। इस बीच पुलिस ने जहरीली शराब प्रकरण में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान मंडेबरी के रमेश और कूलपुर गांव के प्रदीप के रूप में हुई है। फिलहाल, पुलिस (Poolice) आरोपियों से पूछताछ कर रही है। रमेश अपने गांव में ही शराब बेचता था, जबकि प्रदीप मुलाना के बिंजलपुर में पकड़ी गई नकली शराब की फैक्ट्री से ठेकों पर शराब सप्लाई करने वालों में शामिल था। इस मामले में अब तक नौ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पुलिस के अनुसार, जहरीली शराब पीने के बाद तबीयत बिगड़ने से चार लोगों का अस्पताल में उपचार चल रहा है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।
जांच का दायरा बढ़ा
जहरीली शराब पीने से हो रही मौतों के बाद यमुनानगर पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया है। इसके लिए पुलिस ने 10 टीमों का गठन किया है। यमुनानगर व अंबाला के अलावा अब हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश व पंजाब पुलिस के साथ भी नकली शराब बनाने वालों की डिटेल शेयर की गई है।
सारन गांव के लोगों का कहना है कि गांव में पांच से छह लोग लंबे समय से अवैध रूप से शराब बेच रहे थे। इनके खिलाफ पहले भी लोगों ने पुलिस को शिकायत दी थी, लेकिन हर बार आरोपी जुर्माना भर कर छूट जाते थे। अगर समय रहते पुलिस इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करती तो गांवों में इतनी मौत नहीं होती। पुलिस ने पहले गिरफ्तार किए सात आरोपियों से पूछताछ के बाद दो और गिरफ्तारियां की हैं। आसपास के राज्यों की पुलिस से भी इस मामले को लेकर बात की जा रही है, ताकि पूरे गिरोह को पकड़ा जा सके। जिन ठेकों पर मिलावटी शराब होने का शक था, उन्हें सील किया जा चुका है।
बख्शे नहीं जाएंगे दोषी
इस दौरान शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा है, ‘जहरीली शराब से यमुनानगर जिले में इस तरह की अब तक की यह सबसे बड़ी दुखदाई घटना है। पूरे जिले के लोगों की संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद का प्रयास किया जाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात कर जरूरी  कदम उठाए जाएंगे।’
जहरीली शराब पीने से लगातार हो रही मौतों को लेकर शिक्षा मंत्री गुर्जर ने एसपी गंगाराम पूनिया से बात कर पूरे मामले की जानकारी ली है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी आरोपी बचना नहीं चाहिए। जिसका भी नाम सामने आए उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने कहा है कि जहरीली शराब पीने की वजह से अस्पतालों में उपचाराधीन लोगों के इलाज में भी किसी तरह की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।
जहरीली शराब से मौतों के बाद हरियाणा पुलिस ने भी सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने इस संबंध में प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें अवैध शराब की बिक्री करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
कपूर ने कहा कि शराब ठेकों की जांच करना आबकारी विभाग के अधिकार क्षेत्र में है, इसलिए सभी अधिकारी आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करें, ताकि शराब ठेकेदारों के साथ बैठक कर उन्हें आगाह किया जाए कि वे इस प्रकार की अवैध शराब की ब्रिकी नहीं करें। साथ ही, उन्होंने आबकारी अधिकारियों को शराब के ठेकों और अवैध बेचने वालों की जानकारी देने के लिए भी कहा है। कपूर ने यमुनानगर के पुलिस अधीक्षक को आदेश दिए हैं कि जहरीली शराब की घटना की गहराई से जांच की जाए। सभी दोषियों का पता लगाकर उन्हें फौरन गिरफ्तार करने के लिए भी कहा गया है।
पुलिस अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके अधिकार क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री बिल्कुल बंद हो जाए। पिछले 10 वर्षों में अवैध शराब का सेवन करने से होने वाली मौतों के सभी अभियोगों को चिन्हित अपराध में शामिल करने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाई जा सके। साथ ही, जो अपराधी जेल से बाहर हैं, उन पर कड़ी निगरानी रख कर उनकी गतिविधियों का पता लगाने को कहा गया है। वहीं, आदतन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलने के भी निर्देश दिए गए हैं।

194 आरोपी गिरफ्तार

हरियाणा पुलिस ने सभी जिलों में अवैध शराब की बिक्री करने वालों के खिलाफ एक अभियान भी चलाया है। इस दौरान पूरे प्रदेश में 194 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही 5,521 बोतल देसी शराब, 48 बोतल अंग्रेजी शराब, 1,440 लीटर लाहन और 183 बोतल कच्ची शराब बरामद की गई है।

गांवों में मातम

जहरीली शराब ने ऐसा जख्म दिया है कि चार गांवों में मातम पसर गया है। लोग इसे ताउम्र याद रखेंगे। हालात ऐसे हो गए हैं कि मंडेबरी और सारन में इस बार दिवाली नहीं मनी। दिवाली पर मंडेबरी व सारन गांवों में अंधेरा पसरा हुआ था। त्योहार के दिन भी लोग डरे व सहमे हुए नजर आए। गांवों में न तो आतिशबाजी हुई और न ही किसी के घर मिठाई बंटी। इन गांवों के इतिहास में ऐसा पहली बार था, जब लोगों ने दिवाली के मौके पर मिठाई बांटने की जगह एक-दूसरे का दुख बांटने का निर्णय लिया। जहरीली शराब पीने से मंडेबरी में 7 और सारन में 5 लोगों की मौत हुई है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को शराब के ठेके से भी सैंपल लेकर जांच करानी चाहिए, ताकि किसी और की मौत नहीं हो।
बहरहाल, दिशा-निर्देश आगे भी जारी होते रहेंगे। जांच भी होगी। आरोपी पकड़े भी जाएंगे, लेकिन ऐसी पुख्ता व्यवस्था होने की उम्मीद किसी को नहीं है कि अवैध शराब की बिक्री पूरी तरह से रोकी जा सके, ताकि भविष्य में इस तरह से किसी को अपनी जान नहीं गंवानी पड़े।

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