आप विधायकों पर कसता शिकंजा!

स्वेच्छा से सिर्फ एक रुपया वेतन पर काम करने वाला विधायक 40 करोड़ के घोटाले में गिरफ्तार
ईडी ने आम आदमी पार्टी के विधायक को एक बैठक के दौरान गिरफ्तार कर जेल भेजा

सुमित्रा, चंडीगढ़।
क्या आपको मालूम है कि आम आदमी पार्टी के विधायक जसवंत सिंह ( MLA Jaswant Singh) गज्जनमाजरा वेतन के रूप में सिर्फ एक रुपया लेते हैं? क्या आप को यह भी मालूम है कि प्रवर्तन निदेशालय (Ed) ने उन्हें 40 करोड़ से ज्यादा के घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया है? इस मामले में क्या सच है और क्या झूठ, यह तो आने वाले समय में ही तय होगा, लेकिन गज्जनमाजरा गिरफ्तार तो हो ही चुके हैं।
ईडी ने आप के जिस गज्जनमाजरा को गिरफ्तार किया है, वे मलेरकोटला जिले के अमरगढ़ क्षेत्र से विधायक हैं। जब ईडी ने उन्हें पकड़ा, तब वे अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में थे। ईडी पिछले करीब एक साल से मनी लॉन्ड्रिंग (Money laundering) मामले में उनके खिलाफ जांच कर रही हैै।
इससे पहले ईडी की तरफ से गज्जनमाजरा को चार बार समन भेजे जा चुके हैं। ईडी की जालंधर टीम की इस कार्रवाई पर ‘आप’ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी हैै। आरोप लगाया जा रहा है कि भाजपा बदले की राजनीति कर रही हैै। यह ‘आप’ के विधायकों और नेताओं को डराने-धमकाने की कोशिश हैै।
गज्जनमाजरा उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने कहा था कि वे विधायक की तनख्वाह के रूप में केवल एक रुपया लेंगे। इस मामले में उन्होंने एक शपथ पत्र भी दिया था। विधानसभा सत्र में तब वे किसी बड़ी कार में सवार होकर नहीं, बल्कि एक साधारण-सी साइकिल पर आए थे। लोगों ने जहां गज्जनमाजरा की वेतन के रूप में एक रुपया लेने की बात ने खुश किया था, वहीं अब 40 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की खबर ने हैरान भी किया हैै।
ईडी की टीम ने पिछले साल भी गज्जनमाजरा के घर और अमरगढ़ में उनके परिवार की तरफ से संचालित स्कूल व पशु चारा फैक्ट्री पर छापेमारी की थी। इसके अलावा सीबीआई (CBI) की टीम भी पिछले साल 40.92 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी के मामले में उनकी संपत्तियों पर छापेमारी कर चुकी हैै। इसके बाद ही ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।
सीबीआई ने पिछले साल की छापेमारी के दौरान 16.57 लाख की राशि के अलावा 88 विदेशी मुद्रा के नोट और कुछ दस्तावेज बरामद किए थे। लुधियाना स्थित बैंक ऑफ इंडिया की एक शाखा ने मलेरकोटला के गौंसपुरा में गज्जनमाजरा की एक फर्म के खिलाफ शिकायत दी थी। इसमें कहा गया था कि फर्म के निदेशकों की तरफ से स्टॉक को छुपाया था। इस शिकायत के बाद ही सीबीआई ने जांच शुरू की थी।
ईडी ने पिछले साल सितंबर महीने में संगरूर में तारा हवेली, तारा कान्वेंट स्कूल, तारा गोल्डन होम्स और मलेरकोटला में तारा फीड इंडस्ट्री के परिसरों पर दबिश दी थी। तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड इन सभी व्यावसायिक उपक्रमों की मूल कंपनी हैै। इसका स्वामित्व गज्जनमाजरा, उनके भाइयों और परिवार के अन्य सदस्यों के पास हैै। गज्जनमाजरा के परिवार के सदस्यों ने वर्ष 2011 और 2014 के बीच कई ऋण लिए थे। ईडी और सीबीआई की जांच के मुताबिक इस ऋण राशि का इस्तेमाल उस मकसद के लिए नहीं किया गया, जिसके लिए बैंक से पैसा लिया गया था। यह ऋण उस समय लिया गया था, जब गज्जनमाजरा इन कंपनियों के निदेशकों में से एक थे।
आरोप है कि फर्म ने अपने निदेशकों के माध्यम से अपने स्टॉक को छुपाया और गलत तरीके से ऋण के पैसे में हेर-फेर किया। इससे बैंक को 40.92 करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा। गज्जनमाजरा को इस मामले में ईडी ने जालंधर दफ्तर में बुलाया था और पूछताछ भी की गई थी। इसके एक हफ्ते बाद ही ईडी ने गज्जनमाजरा को गिरफ्तार कर लिया।
गज्जनमाजरा की गिरफ्तारी उस समय की गई, जब वे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की एक बैठक ले रहे थे। गिरफ्तारी के बाद अचानक गज्जनमाजरा की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें इलाज के लिए पीजीआई में भर्ती करवाना पड़ा। अभी मामले की जांच जारी है। जेल भेजे गए गज्जनमाजरा कब तक बाहर आ पाएंगे, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। आम आदमी पार्टी की तरफ से इस दौरान ईडी और सीबीआई पर बदले की भावना से कार्रवाई के आरोप जरूर दोहराये जाते रहेंगे।

Leave a Reply