चेरियल। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (K Chandrasekhar Rao) ने शनिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने उनकी राजनीतिक गतिविधियों को सीमित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए सांठगांठ की है कि बीआरएस का विस्तार महाराष्ट्र तक न हो। राव ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राज्य के लिए एक भी मेडिकल कॉलेज या नवोदय स्कूल को मंजूरी नहीं दी है।
भारत राष्ट्र समिति (BRS) के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने की मतदाताओं से अपील करते हुए राव ने कहा कि विकास जारी रखने के लिए उनकी पार्टी को फिर से सत्ता में लाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री राव को केसीआर के रूप में भी जाना जाता है। दोनों राष्ट्रीय दलों पर निशाना साधते हुए राव ने कहा, ‘‘दोनों राष्ट्रीय पार्टी (कांग्रेस और भाजपा) केसीआर से डरी हुई हैं। उन्हें लगता है कि यदि वह तेलंगाना में जीत गए, तो वह महाराष्ट्र आएंगे।
महाराष्ट्र में लगभग 150 पंचायतों ने प्रस्ताव पारित कर संबंधित क्षेत्रों का तेलंगाना में विलय करने का अनुरोध किया है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों दलों के बीच एक-दूसरे के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार नहीं उतारने की गुप्त सहमति है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर केसीआर की तेलंगाना में हार होती है तो वे सुरक्षित महसूस करेंगे। यही सब चल रहा है।’’ राव ने कहा कि उनकी पार्टी की सभाओं को महाराष्ट्र के लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
तेलंगाना की उपलब्धियों को गिनाते हुए राव ने दावा किया कि राज्य ने प्रति वर्ष तीन करोड़ टन धान उत्पादन के साथ पंजाब को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने लोगों से पिछले दस वर्षों के दौरान हुए राज्य के विकास की तुलना कांग्रेस के 50 वर्षों के शासन से करने को भी कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस पार्टी ही थी जिसने यहां के लोगों की सहमति के बिना तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का विलय कर दिया था, जिसके कारण 50 वर्षों तक परेशानी उठानी पड़ी।