दुबई। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी ( Nargis Mohammadi) ने उनके साथ-साथ अन्य कैदियों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने से रोकने और देश में महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्य किए जाने के विरोध में सोमवार को भूख हड़ताल शुरू की। मानवाधिकार कार्यकर्ता को मुक्त करने के लिए चलाए जा रहे अभियान के सदस्यों ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। मोहम्मदी (51) के इस फैसले ने उन्हें कैद करने को लेकर ईरान के ‘धर्मतन्त्र’ (धर्म के नाम पर नियम बनाना) पर दबाव बढ़ा दिया है।
मोहम्मदी को एक महीने पहले ही उनके वर्षों पुराने अभियान के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान किया गया था। मोहम्मदी ने सरकार के हिजाब अनिवार्य करने के फैसले के खिलाफ अभियान चलाया है, जिसपर ईरान सरकार ( Government of Iran) ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। इस बीच, जेल में कैद एक अन्य कार्यकर्ता अधिवक्ता नसरीन सोतौदेह को भी चिकित्सा सुविधा की जरूरत है लेकिन अभी तक उन्हें मदद नहीं मिली है। नसरीन को एक नाबालिग लड़की के अंतिम संस्कार समारोह में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसकी मौत तेहरान मेट्रो में हिजाब नहीं पहनने की वजह से विवादास्पद हालात में हुई थी।