राहुल गांधी के केदार दौरे से भाजपाइयों के पेट में मरोड़ : गरिमा मेहरा दसौनी

देहरादून। अपने तीन दिवसीय आध्यात्मिक एवं धार्मिक दौरे पर उत्तराखंड ( Uttarakhand) देवभूमि के केदार धाम पहुंचे कांग्रेस के नेता एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) ने आज अपने प्रवास के दूसरे दिन केदारनाथ धाम में भक्तगणों के लिए भंडारा आयोजित किया ।

भंडारे के दौरान पूरे समय राहुल गांधी श्रद्धालुओं के बीच खाना वितरत करते हुए दिखाई दिए। यह जानकारी देते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने बताया कि राहुल गांधी का यह दौरा विशुद्ध रूप से व्यक्तिगत दौरा है, इस दौरे के दौरान राहुल गांधी सिर्फ शिव भक्ति में लीन रहेंगे, ना ही कोई प्रेस वार्ता ना ही कार्यकर्ता संवाद और ना ही कोई राजनीतिक ( political) बयानबाजी।
दसौनी ने कहा की बाबा केदार से राहुल गांधी को शक्ति और ऊर्जा प्राप्त होती है, अपने राजनीतिक जीवन में राहुल गांधी की दिनचर्या व्यस्ततम होने के कारण वह एकांतवास से वंचित हो जाते हैं ऐसे में कभी अमृतसर तो कभी केदार बाबा की शरण में वह अपने आध्यात्मिक और धार्मिक पूर्ति के लिए समय-समय पर दर्शन करने पहुंचते हैं। दसौनी ने कहा कि आज देश जिस चुनौती पूर्ण समय से गुजर रहा है ऐसे में राष्ट्र को राहुल गांधी की बहुत जरूरत है। समाज को बांटने,सौहार्द बिगाड़ने वालों और समाज में नफरत फैलाने वाले लोगों का सामना करने के लिए जिस ऊर्जा और शक्ति की जरूरत है वह राहुल गांधी को शिव के भक्ति भाव से ही प्राप्त होती है ।दसोनी ने भाजपा नेताओं द्वारा राहुल गांधी के दौरे पर तंज कसे जाने पर भी पलटवार किया है। दसौनी ने कहा कि 2013 की दैवीय आपदा में जब उत्तराखंड का 60% हिस्सा क्षत विक्षत हो चुका था, उत्तराखंड की जनता अपना आत्मविश्वास खो चुकी थी ऐसे में समूचे देश में राहुल गांधी एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने उत्तराखंड वासियों का मनोबल बढ़ाने के लिए 19 किलोमीटर से भी ज्यादा की केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा कर देश और दुनिया को सुरक्षित उत्तराखंड का पैगाम दिया ।दसौनी ने कहा कि इस तरह की बयान बाजी राहुल गांधी के दौरे पर तंज कसने वालो की तुच्छ और छोटी मानसिकता का परिचायक है। दसोनी ने कहा कि देवभूमि की संस्कृति अतिथि देवो भव की है ,ऐसे में देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेता यदि उत्तराखंड देवभूमि आते हैं तो उससे उत्तराखंड कई तरह से लाभान्वित होता है।
ऐसे में सत्ता रूढ़ दल के नेताओं को चाहिए था कि वह बड़ा दिल दिखाते हुए राहुल गांधी का देवभूमि में स्वागत करते ,परंतु भाजपा के प्रवक्ताओं और नेताओं को तो जैसे राहुल गांधी फोबिया हो चुका है  और उन्हें हर चीज में राजनीति दिखाई पड़ती है ।दसौनी ने कहा कि भाजपा नेताओं और राहुल गांधी के केदार धाम के दौर में बड़ा अंतर देखा जा सकता है । जिस सादगी के साथ भक्ति भाव से सारे नियमों का पालन करते हुए राहुल गांधी शिव उपासना में समर्पित दिखाई पड़ते हैं वहीं दूसरी ओर भाजपा के नेता धार्मिक स्थलों के अपने दर्शनों को भी इवेंट के रूप में जनता के बीच परोसते हैं ।गरिमा ने कहा की नमामि शंकर ऐसे कुत्सित मानसिकता के लोगों को सद्बुद्धि दे ताकि वह धर्म का राजनीतिकरण करने से बाज आएं और राहुल गांधी और उनके दौरे में खोट निकलने की बजाय जिस बात के लिए जनता ने उन्हें चुना है जनता की उन समस्याओं का निराकरण करें।

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