नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी( Prime Minister Narendra Modi) ने 31 अक्टूबर को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर ‘मेरा युवा भारत’ नामक एक संगठन की नींव रखे जाने की घोषणा की, जो राष्ट्र निर्माण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं में देश क युवाओं को सक्रिय भागीदारी निभाने का अवसर प्रदान करेगा। आकाशवाणी पर रविवार को प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) की 105वीं कड़ी में देशवासियों से अपने विचार साझा करते हुए मोदी ने पिछले कुछ वर्षों में खादी से जुड़े उत्पादों की बिक्री में हुए इजाफे का हवाला दिया। उन्होंने देशवासियों से एक बार फिर अधिक से अधिक स्थानीय उत्पादों को खरीदने की अपील की और ‘आत्मनिर्भर भारत’ ( Self-reliant India) के संकल्प को पूरा करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने इस महीने की शुरुआत में गांधी जयंती के अवसर पर दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भंडार में एक ही दिन में डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘10 साल पहले देश में जहां खादी उत्पादों की बिक्री बड़ी मुश्किल से 30 हजार करोड़ रुपये से भी कम की थी, आज यह बढ़कर सवा लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गई है।’’ उन्होंने कहा कि खादी( khadi) की बिक्री बढ़ने का मतलब है इसका फायदा शहर से लेकर गांव तक में अलग-अलग लोगों तक पहुंचता है। मोदी ने कहा कि इस बिक्री का लाभ बुनकरों, हस्तशिल्प कारीगरों, किसानों, आयुर्वेदिक ( Ayurvedic) पौधे लगाने वालों और कुटीर उद्योगों को मिलता है।
प्रधानमंत्री ने इसे ‘वोकल फोर लोकल’ अभियान की ‘ताकत’ बताते हुए देशवासियों से आग्रह किया वे जब भी पर्यटन ( tourism) या तीर्थटन पर जाएं, तो वहां के स्थानीय उत्पादों को जरूर खरीदें। उन्होंने लोगों से अपनी यात्रा के कुल बजट के कुछ हिस्से को स्थानीय उत्पादों की खरीदारी के लिए रखने का आग्रह किया। आगामी त्योहारों का उल्लेख करते हुए मोदी ने लोगों से अपनी खरीदारी में स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने का आह्वान किया और कहा कि दृष्टि केवल छोटे दुकानदारों और रेहड़ी-पटरी से सामान लेने तक सीमित नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत दुनिया में विनिर्माण का बड़ा केंद्र बन रहा है। कई बड़े ब्रांड यहीं पर अपने उत्पाद तैयार कर रहे हैं। अगर हम उन उत्पादों को अपनाते हैं, तो ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलता है और यह भी ‘लोकल’ के लिए ‘वोकल’ ही होना होता है।’’ प्रधानमंत्री ने ऐसे उत्पादों को खरीदते समय डिजिटल लेन-देन का उपयोग करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप भारत में बने, भारतीयों द्वारा बनाए गए उत्पादों से अपनी दिवाली रोशन करेंगे और अपने परिवार की हर छोटी-मोटी आवश्यकता लोकल से पूरी करेंगे, तो त्योहार की जगमगाहट ज्यादा बढ़ेगी। साथ ही स्थानीय लोगों का जीवन शानदार बनेगा। इससे भारत भी आत्मनिर्भर बनेगा।