योगी : कानून का भय पैदा करना सर्वोच्च प्राथमिकता

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि जन मानस में सुरक्षा की भावना उत्पन्न करना एवं अपराधियों में कानून का भय पैदा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता (Top priority) है और पुलिस राज्य में कानून का राज स्थापित करने में सफल रही है। रिजर्व पुलिस लाइन (Reserve Police Line) में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड की सलामी लेने के बाद योगी ने कहा कि कर्तव्य की बेदी पर प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों के परिवार के साथ सरकार हर समय तैयार खड़ी है और उनके कल्याण के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ सभी जरूरी कदम उठाने के लिए सदैव तत्पर रहेगी। पुलिस ने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि मान (highest value) कर प्रदेश में अपराधों पर लगाम लगाने के लिए कानून व्यवस्था को चुस्त और दुरुस्त रखा है। 1 नवंबर 2022 से 30 सितंबर 2023 के बीच कर्तव्य पालन के दौरान शहीद पुलिस कर्मियों के साथ केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों, अन्य प्रदेश के अर्ध सैन्य बलों, भारतीय सेना में कार्यरत एवं मूलरूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले 140 शहीद कार्मिकों के आश्रितों को 38 करोड़ 96 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गयी है।

योगी ने कहा कि वर्ष 2017 के बाद पुलिस बल के विभिन्न पदों पर एक लाख 51 हजार 985 भर्ती की गई, जिनमें से 22044 से अधिक महिला कार्मिक (Women personnel) शामिल हैं। इसके साथ ही पुलिस विभाग के विभिन्न विभिन्न पदों पर एक लाख 34 हजार 235 कार्मिकों को पदोन्नति भी प्रदान की गई। साथ ही 65 हजार 389 पदों पर भर्ती प्रक्रिया और 11 हजार 885 पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ कर जन मानस में सुरक्षा की भावना उत्पन्न करना एवं अपराधियों में कानून का भय पैदा करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसे में प्रदेश पुलिस बल के बजट में दोगने से अधिक की वृद्धि की गई है। पुलिस बल को अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की गई। पुलिस बल की क्रियाशीलता (Activity) एवं प्रभाव में वृद्धि के लिए विभिन्न जिलों में 39 नये थाने, 1 महिला थाना, 6 नारकोटिकस थाना, 36 पुलिस चौकियां एवं एक जल पुलिस चौकी की स्वीकृति भी प्रदान की गई।

सरकार की अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस के नीति है। इसके तहत विभिन्न जिलों में मार्च-17 से सितंबर-23 तक 190 दुर्दांत अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। इस कार्रवाई में 5191 अपराधी घायल हुए, वहीं पुलिस बल के 16 जवान शौर्य का प्रदर्शन करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। कार्रवाई में 1478 पुलिस कर्मी घायल भी हुए। उन्होने कहा कि प्रदेश में अपराधियों के प्रति कड़ा शिकंजा कसने के लिए गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) के तहत 69332 तथा एनएसए में 887 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की गई। प्रदेश के चिन्हित माफिया के 44 मुकदमों में प्रभावी पैरवी कर 20 माफिया तथा उनके 38 सह अपराधी समेत कुल 58 को आजीवन कारावास के साथ अर्थ दंड की सजा कराई गई। इनमें दो को फांसी भी हुई। वहीं 68 कुख्यात माफिया और अपराधियों के साथ बैंक के सदस्यों द्वारा अवैध कृतियों में अर्जित संपत्ति 36,50 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त किया गया। कार्यक्रम में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी विजय कुमार समेत अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

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