पारंपरिक चिकित्सा का लाभ देश के हर कोने तक पहुंचे

नयी दिल्ली केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Union AYUSH Minister Sarbananda Sonowal) ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM) को आयुष स्वास्थ्य देखभाल को मजबूत और बेहतर बनाकर पूरे देश में आयुष स्वास्थ्य (AYUSH Health) देखभाल सेवाएं प्रदान करने के दृष्टिकोण और उद्देश्यों के साथ लागू किया जा रहा है और सुविधाएं, जरूरतमंद जनता को सूचित विकल्प प्रदान करना।

सर्बानंद ने मुंबई में छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन पर पूर्वी, मध्य और दक्षिणी क्षेत्र के बाद चौथी क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में कहा कि जनभागीदारी के माध्यम से इस स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को जमीनी स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन के माध्यम से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (Union Territories) को दी जाने वाली सहायता को प्रसारित करना एक साझा जिम्मेदारी है। समीक्षा बैठक में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव के अधिकारियों और आयुष के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर केंद्रीय आयुष और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई (Minister Dr. Munjapara Mahendrabhai ) और आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा भी उपस्थित थे। सर्बानंद ने एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल पर जोर दिया और कहा कि लोगों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को साथ-साथ चलना होगा।

केंद्रीय मंत्री ने पारंपरिक चिकित्सा के प्रचार-प्रसार में विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका को मान्यता दी और कहा कि जामनगर, गुजरात में पारंपरिक चिकित्सा के वैश्विक केंद्र की स्थापना ने भारत की वैज्ञानिक और साक्ष्य आधारित पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के विकास के नए द्वार खोले हैं। राष्ट्रीय आयुष मिशन जैसे प्रमुख कार्यक्रम के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पारंपरिक चिकित्सा का लाभ देश के हर कोने तक पहुंचे।

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