देहरादून । उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (Uttarakhand Pradesh Congress Committee President) करन माहरा ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में लिये गये निर्णयों का स्वागत करते हुए कहा कि सीडब्लूसी की बैठक में बिहार प्रदेश में हुई जातीय जनगणना (Ethnic Census) का स्वागत किया गया जिसका उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूर्ण समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि यदि पांच राज्यों मे होने वाले विधानसभा चुनाव एवं आने वाले समय में उत्तराखंड प्रदेश में भी कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है तो यहां पर भी जातीय जनगणना कराई जायेगी ताकि सुविधाओं से वंचित लोगों को उनका अधिकार मिल सके।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना देश भर में समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति की सटीक तस्वीर सामने लाएगी और सामाजिक न्याय की नींव को मजबूत करने और समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए नीतियों के लिए एक ठोस, डेटा-संचालित आधार प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2011 की सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना के आंकड़े जारी न करके और नई जाति जनगणना न करके देश के कई समुदायों और वंचित वर्गों को धोखा दिया है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार (Modi government) प्रत्येक 10 वर्ष में की जानी वाली दशकीय जनगणना के संवैधानिक कर्तव्य में भी विफल रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार प्रत्येक 10 वर्ष में देश में जनगणना की जानी चाहिए तथा वर्तमान में 2021 या उसके तुरंत बाद जनगणना की जानी चाहिए थी परन्तु कोविड का हवाला देते हुए इसे आगे बढाया गया। परन्तु यह शर्म की बात है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार दो वर्ष मे भी जनगणना कराने में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना की मांग को राहुल गांधी के नेतृत्व में आयोजित भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कई प्रतिनिधिमंडलों द्वारा राज्य दर राज्य बार-बार व्यक्त किया गया था, और 85वें कांग्रेस पूर्ण सत्र में रायपुर घोषणा में आवाज उठाई गई, परन्तु भाजपा सरकार जातीय जनगणना से हमेशा डरती रही है।
करन माहरा ने यह भी कहा कि महिलाओं के लिए लोकसभा तथा विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण जिसमें जातीय आधार पर लागू आरक्षण को भी शािमल किया जाना चाहिए था तुरन्त भाजपा सरकार ने इसे भी चुनावी जुमला बना दिया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ( Karan Mahra)ने भाजपा की केन्द्र सरकार के इशारे पर विपक्षी दल के नेताओं तथा पत्रकारों पर की जा रही छापेमारी की कार्रवाई को भी भाजपा की कुत्सित राजनीतिक मानसिकता बताते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के चलते कुछ लोगों को निशाना बनाया जा रहा है जो कि निन्दनीय है। उन्होंने कहा कि एक ओर मोदी सरकार चीन को लाल आंख दिखाने की बात करते हैं परन्तु देश की जनता की आंख मे धूल झोंकते हुए चीनी कम्पनियों से पीएम केयर फंड में धन ले रहे हैं तथा चीनी कम्पनियों का निवेश भारत में बढा रहे हैं तथा भारती सीमाओं पर चीनी फौज की घुसपैठ को नकार कर देश की जनता को धोखा देने का काम कर रहे हैं।
करन माहरा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर की शर्मनाक एवं हिंसक घटनाओं के प्रति आज भी संवेदनहीन बने हुए हैं। संसद में एक-एक घंटा भाषण देने वाले मोदी मणिपुर पर अपने होंट सिले हुए हैं इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है।