स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत ने अंगदानियों को करेंगे सम्मानित
देहरादून। सूबे में आयुष्मान भव: अभियान के अंतर्गत संचालित सेवा पखवाड़े के दौरान तीन हजार से अधिक लोगों ने अंगदान की शपथ लेते हुये राष्ट्रीय पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। उत्तराखंड (Uttarakhand) जनसंख्या के लिहाज से अंगदान हेतु पंजीकरण कराने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है जबकि तेलंगाना राज्य प्रथम स्थान पर काबिज है। प्रदेशभर में चल रहे आयुष्मान भव: अभियान के समापन के उपरांत सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत अंगदान करने वाले महादानियों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करेंगे।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार ( Union Ministry of Health, Government of India) के आह्वान पर आयुष्मान भव अभियान के अंतर्गत प्रदेशभर में 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक चलाये गये सेवा पखवाडा कार्यक्रम के तहत अंगदान एवं देहदान के लिये उत्तराखण्ड के लोगों ने आगे आकर सामाजिक दयित्व का निर्वहन किया है। इस अभियान के तहत सूबे के 3059 लोगों ने अंगदान की शपथ लेते हुये राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) के पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। उत्तराखंड में कुल 1.25 करोड़ की आबादी के सापेक्ष एक लाख की जनसंख्या पर औसतन 24 लोगों द्वारा अंगदान हेतु पंजीकरण कराया गया है, जबकि तेलंगान में कुल 8.77 करोड़ की आबादी के सापेक्ष एक लाख पर 18 लोगों ने अंगदान हेतु पंजीकरण कराया है। इसी आधार पर उत्तराखंड अंगदान ( Uttarakhand organ donation) हेतु पंजीकरण कराने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है जबकि तेलंगाना प्रथम स्थान पर है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश तीसरे, महाराष्ट्र चौथे, कर्नाटक पांचवे व आंध्राप्रदेश छठे स्थान पर है। इस अभियान के दौरान अन्य राज्यों में भी सैकड़ों लोग अंगदान हेतु अपना पंजीकरण करा रहे हैं इस प्रकार पूरे देश में अंगदान शपथ लेने के उपरांत पंजीकृत दानवीरों की संख्या 73 हजार 682 पहुंच गई है।
एक पखवाड़े तक चले अभियान के दौरान उत्तराखंड में सर्वाधिक 872 लोगों ने जनपद नैनीताल में अंगदान हेतु पंजीकरण कराया है। जबकि पिथौरागढ़ में 493, चमोली 340, देहरादून में 201, टिहरी 188, अल्मोड़ा 187, ऊधमसिंह नगर 118, पौड़ी गढ़वाल 103, बागेश्वर 100, उत्तरकाशी 85, चम्पावत 76, हरिद्वार 42, रूद्रप्रयाग में 23 लोगों ने राष्ट्रीय पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है, जबकि एक दानवीर का अभी जनपद चिन्हिकरण नहीं हो पाया है। उपरोक्त आंकड़े 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक चलाये गये सेवा पखवाड़ा अभियान में दर्ज किये गये हैं जबकि आयुष्मान भव अभियान आगामी 31 दिसम्बर तक चलाया जाना है, जिसमें आयुष्मान आपके द्वार 3.0, रक्तदान एवं अंगदान हेतु पंजीकरण, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान, सिकल सेल उल्मूलन आदि कार्यक्रम जारी रहेंगे। इस संबंध में अपर सचिव स्वास्थ्य एवं मिशन निदेशक स्वास्थ्य विभाग, भारत सरकार एल.एस. चॉगसन ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि 31 दिसम्बर 2023 के बाद आयुष्मान भव अभियान में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सम्मानित किया जायेगा।
प्रदेश में पखवाड़े भर तक चले आयुष्मान भव अभियान में उत्तराखंड ने बेहतर प्रदर्शन किया है। यही वजह है कि राज्य में स्वैच्छिक रक्तदान हेतु एक लाख से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है, इसी प्रकार अंगदान के लिये प्रदेश के तीन हजार से अधिक दानवीरों ने शपथ लेते हुये अपना पंजीकरण कराया है, जो उत्तराखंड के लिये गौरव की बात है। सभी स्वैच्छिक दानदाता बधाई के पत्र हैं, उम्मीद है कि प्रदेश के अन्य लोगों को भी इन दानवीरों से सामाजिक दायित्वों के प्रति प्रेरणा मिलेगी।-
डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।