नयी दिल्ली। कांग्रेस ( Congress) ने मध्य प्रदेश के नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म के लिए राज्य की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि उज्जैन की इस घटना को दबाने के लिए शिवराज सरकार ने कई तरह के प्रयास किए हैं और इस मामले में राज्य सरकार की भूमिका से साबित हो गया है कि यह प्रदेश महिलाओं और बच्चियों के लिए असुरक्षित है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ( Congress spokesperson Supriya Shrinate) ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार का जंगलराज चल रहा है जहां महिला होना अपराध बन चुका है। राज्य में कुछ साल में 13 लाख महिलाएं लापता हुई हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के राज में महिलाओं, दलितों और आदिवासियों के लिए नर्क बन चुका है और वहां हर दो घंटे में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म होता है। नाबालिग दुष्कर्म के मामले में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर आ चुका है।
उज्जैन की जिस बच्ची के साथ दरिंदगी हुई है उसके साथ घटी इस घटना को छिपाने का प्रयास किया गया और बच्ची को भीख मांगने वाली तथा उत्तर प्रदेश की रहने वाली बताकर मामले की कोशिश हुई है। यह 12 साल की बच्ची मध्य प्रदेश के सतना की रहने वाली है और एक दलित परिवार से आती है। इस बच्ची को साजिशन लीपापोती कर उत्तर प्रदेश( UP) की मानसिक विक्षिप्त भिखारी बताया जा रहा था। जब वह बच्ची स्कूल से घर नहीं लौटी तो उसके परिवार वाले सतना पुलिस स्टेशन (police station) गए। वहां बच्ची के परिवार वालों से कहा गया कि आप यहां से जाइए और अपनी बेटी को खुद ढूंढिए। हम प्राथमिकी दर्ज नहीं करेंगे।
बड़ा सवाल यह है कि यह बच्ची सतना से उज्जैन कैसे आई और उसके मामले में पुलिस ने तत्परता क्यों नहीं दिखाई। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से क्यों इनकार किया। अखबारों में इस बारे में खबरें आती रहीं तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उज्जैन पुलिस ने क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम को क्यों नहीं खंगाला।
बच्ची की बोली बघेलखंड थी, तो उज्जैन पुलिस ने उसे उत्तर प्रदेश का क्यों बताया। आठ किलोमीटर पैदल चलने के बाद अपना, अपने पिता, दादा और गांव का नाम सही बताने वाली बच्ची को मानसिक रुप से विक्षिप्त और भिखारी क्यों बताया गया। आखिर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री चुप क्यों हैं।
उन्होंने इस घटना को लेकर भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि घटना को कई दिन बीत गए हैं लेकिन बच्ची का हाल पूछने भाजपा का एक भी नेता अब तक नहीं गया है। एक दलित बच्ची का दुष्कर्म हुआ, उसे विक्षिप्त और भिखारी बताने की कोशिश की गई… लेकिन देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकला। इस मामले पर महिला बाल विकास मंत्री, महिला आयोग, बाल संरक्षण आयोग सब चुप हैं।