देहरादून। भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा मेंपौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम पर क्षेत्रीय प्रशिक्षण (Regional Training ) सह जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस उपलक्ष्य में कुल 143 प्रतिभागियों (केवीके के अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों, किसानों एवं संस्थान के वैज्ञानिकं) ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला की आयोजन सचिव, संस्थान की वैज्ञानिक डाॅ. अनुराधा भारतीय (The wise Anuradha Indian ) ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण की महत्ता पर प्रकाश डाला। संस्थान के निदेशक डॉ. लक्ष्मी कांत (Director Dr. Laxmi Kant) ने भारत में पौधा किस्म संरक्षण और किसानों के अधिकार का उद्देश्य पर जानकारी दी एवं पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण विषय पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के औचित्य पर अपने विचार रखें।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. प्रमोद कुमार पांडे निदेशक भाकृअनुप-डीसीएफआर, भीमताल, नैनीताल उत्तराखंड ने कार्यक्रम में अपने विचार रखे एवं कृषकों को प्रोत्साहित किया। डॉ. दीपल रॉय चैधरी संयुक्त रजिस्ट्रार पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली ने प्राधिकरण का परिचय और अधिनियम, 2001 के विषय में विस्तृत जानकारी दी। प्रधान वैज्ञानिक डाॅ राजेश खुल्बे ने भौगोलिक संकेतों और पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण पर बल दिया। कार्यक्रम के अन्त में डॉ. निर्मल हेड़ाऊ विभागाध्यक्ष फसल सुधार विभाग ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।