महिला आरक्षण विधेयक नये भविष्य की शुरुआत: मोदी

नयी दिल्ली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण के प्रावधान वाले विधेयक को संसद की स्वीकृति को एक बड़ी उपलब्धि तथा नये संसद में देश के नये भविष्य की शुरुआत बताया है।

उन्होंने कहा कि विधायिका में महिला आरक्षण का मुद्दा तीन दशक से लंबित था जिसे अब रिकार्ड समर्थन से पारित किया गया। मोदी सरकार के रोजगार मेला (Job fair )कार्यक्रम को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के लिए चयनित करीब 51,000 अभ्यर्थियों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए।

मोदी ने इस अवसर पर यह भी कहा कि सरकारी कर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा से देश को अपने लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी। महिला आरक्षण विधेयक के बारे में उन्होंने कहा, आज हमारा देश ऐतिहासिक उपलब्धियों और फैसलों का साक्षी बन रहा है। कुछ दिन पहले ही नारी शक्ति वंदन अधिनियम के रूप में देश की आधी आबादी को बहुत बड़ी ताकत मिली है। 30 वर्षों से महिला आरक्षण (Women’s reservation )का जो विषय लंबित था, वह अब रिकॉर्ड वोटों के साथ दोनों सदनों से पास हुआ है।

संसद के इसी माह सम्पन्न विशेष अधिवेशन में महिला आरक्षण के लिए संविधान में 128वें संशोधन के लिए रखा गया यह विधेयक नए संसद भवन का पहला विधायी कार्य रहा। दोनों सदनों में इसे करीब करीब आम सहमति से स्वीकृत किया गया।

मोदी ने कहा, आप कल्पना कीजिए कि ये कितनी बड़ी उपलब्धि है। ये मांग तब से हो रही थी, जब आप लोगों में से ज्यादातर लोगों का जन्म भी नहीं हुआ होगा। यह निर्णय देश की नई संसद के पहले सत्र में हुआ है। एक तरह से नई संसद में, देश के नए भविष्य की शुरुआत हुई है।

उन्होंने कहा नए नियुक्त किए जा हरे कर्मियों को गणेशोत्सव पर शुभकामना देते हुए कहा, आपकी सेवाओं का संकल्प, राष्ट्र के लक्ष्यों को सिद्धि तक ले जाए। आज इस रोजगार मेले में भी हमारी बेटियों को बड़ी संख्या में नियुक्ति पत्र मिले हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में बेटियां आज अंतरिक्ष से लेकर सैन्य सभी क्षेत्रों में काम के नए कीर्तिमान बना रही हैं। सरकार की नीति भी यही है कि नारी शक्ति के लिए नये-नये द्वार खोले जाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं बहुत ऊंची हैं, हमारे समाज की, सरकार से अपेक्षाएं बहुत ज्यादा हैं।.. देश ने 2047 तक विकसित भारत बनने का संकल्प लिया है।

अगले कुछ वर्षों में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं। आज जब देश में इतना कुछ हो रहा है तो उसमें हर सरकारी कर्मचारी की भूमिका बहुत ज्यादा बढ़ने वाली है। आपको हमेशा जन-हित सबसे ऊपरकी भावना से काम करना है। आप तो एक ऐसी पीढ़ी का हिस्सा हैं, जो प्रौद्योगिकी के साथ बड़ी हुई है। हमें सोचना होगा कि हम सरकारी काम में भी प्रौद्योगिकी मदद से कैसे नया सुधार कर सकते हैं? कैसे कार्यकुशलता बढ़ा सकते हैं?

 

Leave a Reply