नयी दिल्ली । केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah ) ने कहां है कि देश की सभी भाषाओं को सशक्त करने से ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण होगा और उन्हें विश्वास है कि हिन्दी सभी स्थानीय भाषाओं को सशक्त बनाने का माध्यम बनेगी। शाह ने गुरुवार को यहां हिंदी दिवस के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा , हिंदी की किसी भी भारतीय भाषा से न कभी कोई स्पर्धा थी और न ही कभी हो सकती है। हमारी सभी भाषाओं को सशक्त करने से ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण होगा। मुझे विश्वास है कि हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं को सशक्त बनाने का माध्यम बनेगी।
उन्होंने कहा कि भारत, विविध भाषाओं का देश रहा है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र (democracy) की भाषाओं की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का नाम ‘हिंदी’ है। हिंदी एक जनतांत्रिक भाषा रही है। इसने अलग-अलग भारतीय भाषाओं और बोलियों के साथ-साथ कई वैश्विक भाषाओं को सम्मान दिया है और उनकी शब्दावलियों, पदों और व्याकरण के नियमों को अपनाया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हिंदी भाषा ने स्वतंत्रता आन्दोलन के मुश्किल दिनों में देश ( country ) को एकसूत्र में बाँधने का अभूतपूर्व कार्य किया। इसने अनेक भाषाओं और बोलियों में बँटे देश में एकता की भावना स्थापित की। देश में पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक स्वतंत्रता की लड़ाई को आगे बढ़ाने में संवाद भाषा के रूप में हिंदी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। शाह ने कहा कि देश में ‘स्वराज’ प्राप्ति और ‘स्वभाषा’ के आन्दोलन एकसाथ चल रहे थे। स्वतंत्रता आंदोलन (Freedom movement) और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिंदी की महत्त्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए संविधान निर्माताओं ने 14 सितंबर 1949 के दिन ही हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था।
गृह मंत्री ने कहा कि किसी भी देश की मौलिक और सृजनात्मक अभिव्यक्ति सही मायनों में सिर्फ उस देश की अपनी भाषा में ही की जा सकती है। उन्होने कहा कि प्रसिद्ध साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चन्द्र ने लिखा है कि निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति कौ मूल यानी अपनी भाषा की उन्नति ही सभी प्रकार की उन्नति का मूल है। उन्होंने कहा , हमारी सभी भारतीय भाषाएँ और बोलियाँ हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं जिन्हें हमें साथ लेकर चलना है।
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