जी-20 की अध्‍यक्षता पर प्रधानमंत्री ने अपने विचार व्यक्त किए

नयी दिल्ली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi )ने गुरुवार को कहा कि भारत ने जी20 की अध्यक्षता करते हुए मानवता केंद्रित वैश्वीकरण का एजेंडा आगे बढ़ाया है और इससे यह मंच मानवता की प्रगति के लिए वैश्विक अपील बन गया है। मोदी ने अफ्रीकी संघ (African Union) को जी20 का स्थायी सदस्य बनाये जाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है।

प्रधानमंत्री ने  जी20 शिखर सममेलन 2023 (G20 Summit 2023) की पूर्व संध्या पर एक ब्लाग में भारत की जी-20 की अध्‍यक्षता के बारे में अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने इसमें भारत के यूपीआई जैसी डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना सुविधाओं को दूसरे देशों की जनता की भलाई के लिए प्रस्तुत करने की भी पेशकश की है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के बाद वैश्वीकरण को मानव केंद्रित, आपूर्ति श्रृंखला के विविधीकरण तथा बुपक्षीय व्यवस्था के लिए आग्रह की मजबूती जैसे बदलाव हुए है। प्रधानमंत्री ने लिखा है ,  हमारी जी20 की अध्यक्षता इन बदलावों में उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है।

वैश्विक आबादी में दो तिहाई और वस्तु एवं सेवाओं के उत्पादन में 85 प्रतिशत का योगदान कर रहे देशों की सदस्यता वाले जी-20 समूह के देशों का शिखर सम्मेलन राजधानी में 8-10 सितंबर तक होने जा रहा है।

भारत ने इस सम्मेलन के लिए दक्षिण के देशों को भी आमंत्रित किया है और इस शिखर सम्मेलन की तैयारियों के सिलसिल में ग्लोबल साउथ मंच पर गरीब एवं विकासशील देशों का एक बड़ा कर उनसे संबंधित मुद्दों को इस फोरम के एजेंडा के केंद्र में रखने का प्रयास किया है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपने ब्लाग के बारे में पोस्ट में लिखा, दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन शुरु होने जा रहा है, भारत की जी-20 की अध्‍यक्षता के बारे में एक आलेख में लिखा कि हमने मानवता पर केंद्रित वैश्वीकरण और मानव प्रगति को आगे बढ़ाने में सामूहिक भावना सुनिश्चित करने के लिए कैसे कार्य किया है।

उन्होंने पोस्ट किया, दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन शुरु होने जा रहा है, भारत की जी-20 की अध्‍यक्षता के बारे में एक आलेख में लिखा कि हमने मानवता पर केंद्रित वैश्वीकरण और मानव प्रगति को आगे बढ़ाने में सामूहिक भावना सुनिश्चित करने के लिए कैसे कार्य किया है।

अंग्रेजी में अपने ब्लाग में लिखा है,  वसुधैव कुटुंबकम’ – ये दो शब्द एक गहरे दर्शन को दर्शाते हैं।  उन्होंने इस दर्शन को सीमाओं, भाषाओं और विचारधाराओं से परे एक सर्वव्यापी दृष्टिकोण बताते हुए कहा है ,यह हमें एक सार्वभौमिक परिवार के रूप में प्रगति करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान, यह मानव-केंद्रित प्रगति के आह्वान में तब्दील हो गया है। एक पृथ्वी के रूप में, हम अपने ग्रह का पोषण करने के लिए एक साथ आ रहे हैं। एक परिवार के रूप में, हम विकास के प्रयास में एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। और हम एक साझा भविष्य-एक भविष्य-की ओर एक साथ आगे बढ़ रहे हैं, जो इस परस्पर जुड़े समय में एक निर्विवाद सत्य है।

प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है, बड़े पैमाने पर चीजों को पूरा करना एक ऐसा गुण है जो भारत के साथ जुड़ा हुआ है। इस तरह भारत की अध्यक्षता में जी20 का आयोजन कोई अपवाद नहीं है। यह एक जन-संचालित आंदोलन बन गया है उन्होंने कहा है, हमारे कार्यकाल के अंत तक 125 देशों के लगभग 100,000 प्रतिनिधियों की मेजबानी करते हुए, हमारे देश के 60 भारतीय शहरों में 200 से अधिक बैठकें आयोजित की गई होंगी। किसी भी देश ने अपनी अध्यक्षता में कभी भी इतने विशाल और विविध भौगोलिक विस्तार के स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया है।

 

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