दून चिकित्सालय और कोरोनेशन का गरिमा दसौनी ने किया दौरा
दसौनी ने कहा , अस्पताल कम सब्जी मंडी ज्यादा बन चुके हैं
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी (Garima Mehra Dasauni ) ने डेंगू के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर देहरादून के दून चिकित्सालय और जिला अस्पताल कोरोनेशन का दौरा किया और प्रेस वार्ता कर आंखों देखा हाल बयां किया। दसौनी ने बताया की दून अस्पताल और कोरोनेशन के हालात शब्दों में बयां करने जैसे नहीं है। दसौनी ने कहा की दोनों ही अस्पताल कम सब्जी मंडी ज्यादा बन चुके हैं।
दून अस्पताल (Doon Hospital ) के प्रवेश द्वार से ही डेढ़ सौ से 200 मरीजों की लंबी कतार अपना ब्लड सैंपल देने के लिए लगी हुई थी क्योंकि सैंपल लेने के लिए सिर्फ एक काउंटर था कतार में लगे लोग पहले से ही बुखार से पीड़ित थे। दसौनी ने कहा की दोनों ही अस्पतालों की कैपेसिटी से बाहर मरीज वहां भर्ती हैं एक-एक बेड पर दो-दो मरीज देखे गए ऐसे में जो लोग सैंपल लेकर खड़े थे वह पॉजिटिव आने पर कहां भर्ती होंगे उसका कोई इंतजाम नहीं।
दून चिकित्सालय का आईसीयू गरीब मरीजों से ₹1700 प्रतिदिन के हिसाब से फीस ले रहा है जबकि आईसीयू के एसी पंखे सब खराब पड़े हैं। दसोनी ने कहा की स्वास्थ्य सचिव ने हाल ही में अपने बयान में कहा कि जुलाई से लेकर नवंबर तक डेंगू का प्रकोप रहता है ऐसे में स्वास्थ्य सचिव बताएं की कंट्रोल रूम बनाने में 2 महीने की देर क्यों की गई? दसौनी ने कहा कि सरकार (government)ने प्री मानसून तो कोई तैयारी नहीं की पर प्री डेंगू तो तैयारी की जा सकती थी। दसौनी के अनुसार कोरोना काल के बाद मरीजो को बहुत दिक्कत आ रही है ,शरीर वैसे ही जीर्ण शीर्ण हो चुका है ऐसे में डेंगू मरीजों को पूरी तरह से तोड़ दे रहा है।
दसौनी ने कहा कि वहां कई मरीजो ने आप बीती बताते हुए कहा कि कोई डॉक्टर राउंड पर नहीं पहुंच रहा है एक-एक मरीज के बिस्तर पर चार-चार परिजन बैठे हुए पाए गए । दसौनी ने पूछा कि आखिर प्राइवेट अस्पतालों की तर्ज पर सरकारी अस्पतालों में एक प्रोफेशनल वर्किंग कल्चर क्यों नहीं डेवलप किया जा सकता?
दसौनी ने डीजी स्वास्थ्य ,प्रिंसिपल दून चिकित्सालय, सीएमएस दून चिकित्सालय, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य मंत्री इत्यादि का आह्वाहन करते हुए कहा कि ऐसा क्यों है की मोटी तनख्वाह लेने के बाद भी इन सब रसूखदार लोगों का रवैया स्वास्थ्य व्यवस्था की तरफ उदासीन बना हुआ है? दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड का स्वास्थ्य महकमा दिनोदिन गर्त में जा रहा है किसी को कोई मतलब नहीं प्रदेशवासियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
दसौनी ने बताया कि आज डेंगू प्रदेश में और खासकर के देहरादून में विकराल रूप ले चुका है लेकिन सरकारी इंतजाम इस बड़ी विपदा से जूझने के लिए ना काफी दिखाई पड़ते हैं।दसौनी ने कहा की स्थिति जितनी खराब दिख रही है उससे कहीं ज्यादा बदत्तर स्थिति में है अगर डेंगू की रोकथाम के लिए जल्द व्यवस्थाएं नहीं की गई तो स्थिति बिल्कुल आउट ऑफ कंट्रोल हो जाएगी।
दसौनी ने राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी आग्रह किया कि वह व्यक्तिगत रूप से महामारी का रूप ले चुकी इस बीमारी के रोकथाम और सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए ठोस और कारगर कदम उठाएंगे।