नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कॉमेंटेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने सूर्यकुमार(Suryakumar) यादव को प्रभावशाली खिलाड़ी बताते हुए एशिया कप टीम में उनके चयन को सही ठहराया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 30 अगस्त से होने वाले एशियाई कप के लिए 17 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा सोमवार को की। मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर ने संवाददाताओं से कहा कि पांच अक्टूबर से होने वाले विश्व कप के लिए भी टीम लगभग ऐसी ही रहेगी।
गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, अगर आप विश्व कप जीतना चाहते हैं तो खिलाड़ियों का फॉर्म और प्रभाव ही आपको जीतने में मदद करेगा। चयनकर्ताओं ने एक अच्छा काम यह किया है कि सूर्यकुमार यादव को टीम में चुना है। वह भले ही निरंतरता के साथ रन नहीं बनाते लेकिन वह महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। टीम प्रबंधन को उनका इस्तेमाल करने का सबसे कारगर तरीका ढूंढना चाहिए।
गंभीर ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि जो खिलाड़ी एशिया कप और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ एकदिवसीय शृंखला में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, उन्हें ही विश्व कप में मौका दिया जाना चाहिए। गंभीर ने कहा, जब आप विश्व कप जीतने की कोशिश कर रहे हों तो किसी जगह खेलने के लिए कोई दावेदार नहीं होता। फॉर्म और प्रभाव मायने रखता है। जो खिलाड़ी फॉर्म में हैं उन्हें चुनने की जरूरत है, न कि उन खिलाड़ियों को जो फॉर्म में नहीं हैं।
अगर तिलक वर्मा किसी से बेहतर फॉर्म में हैं, अगर सूर्यकुमार यादव श्रेयस अय्यर या केएल राहुल या ईशान किशन से बेहतर फॉर्म में हैं, तो आपको उस खिलाड़ी को चुनने की जरूरत है। विश्व कप चार साल में एक बार आता है, आप वहां यह नहीं देखते कि दौड़ में कौन आगे है या नहीं। जो एशिया कप और ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद बेहतरीन फॉर्म में हैं, उन्हें मौका मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा, मैं सिर्फ फॉर्म देखूंगा, नाम नहीं। अगर आप विश्व कप जीतना चाहते हैं तो खिलाड़ियों का फॉर्म और प्रभाव ही आपको जीतने में मदद करेगा। इसलिए मेरी राय में, चाहे वह केएल राहुल हों या श्रेयस अय्यर या कोई भी, हम एशिया कप के बाद उनके फॉर्म को देखेंगे और ऑस्ट्रेलिया सीरीज में कौन सी टीम खेलती है। वह सीरीज तय करेगी कि विश्व कप में कौन खेलेगा। विश्व कप से पहले एक सीरीज होनी चाहिए जहां आपकी मुख्य टीम एक साथ खेले।
गौरतलब है कि एशिया कप के लिये चुनी गयी टीम में युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा को भी शामिल किया है। तिलक ने अभी तक एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण नहीं किया है, लेकिन बाएं हाथ के बल्लेबाज होने के नाते वह मध्यक्रम में महत्वपूर्ण मिश्रण ला सकते हैं। गंभीर ने हालांकि टीम में बाएं हाथ के खिलाड़ियों से जुड़ी बहस को खारिज किया और एक बार फिर फॉर्म के आधार पर टीम चुनने पर ज़ोर दिया।
गंभीर ने कहा, अगर उन्हें (तिलक वर्मा) चुना गया है, तो बेशक उसे खेलने के लिए कुछ मैच मिलने चाहिए। अगर उसे खेलने का मौका मिलता है और वह अन्य बल्लेबाजों से बेहतर प्रदर्शन करता है, तो आपको उसे टीम में जरूर लेना चाहिए। जैसा कि मैंने पहले कहा है, फॉर्म महत्वपूर्ण है। यह बहस कि कौन बाएं हाथ का है या दाएं हाथ का, या हमें तीन बाएँ हाथ के बल्लेबाजों की ज़रूरत है, एक बेकार बहस है। हम गुणवत्ता देखते हैं, हम यह नहीं देखते कि टीम में कितने बाएं हाथ के खिलाड़ी हैं।