नई दिल्ली। राज्यसभा ( Rajya Sabha) के लगभग 12 प्रतिशत मौजूदा सदस्य अरबपति हैं तथा ऐसे सांसदों का प्रतिशत आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना से सबसे अधिक है। यह बात ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ की ओर से कही गई।
‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) और ‘नेशनल इलेक्शन वॉच’ (एनईडब्ल्यू) ने राज्यसभा के 233 सदस्यों में से 225 के आपराधिक, वित्तीय और अन्य पृष्ठभूमि विवरणों का विश्लेषण किया गया और उन्हें अद्यतन किया। मौजूदा राज्यसभा में एक सीट खाली है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के 11 सदस्यों में से 5 (45 फीसदी), तेलंगाना के 7 सदस्यों में से 3 (43 फीसदी), महाराष्ट्र के 19 सदस्यों में से 3 (16 फीसदी), दिल्ली के 3 सदस्यों में से 1 (33 फीसदी), पंजाब के 7 सदस्यों में से 2 (29 प्रतिशत), हरियाणा के 5 सदस्यों में से 1 (20 प्रतिशत) और मध्य प्रदेश के 11 सदस्यों में से 2 (18 प्रतिशत) ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है।
तेलंगाना से विश्लेषण किए गए सात सदस्यों (सांसदों) की कुल संपत्ति 5,596 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश के 11 सदस्यों की कुल संपत्ति 3,823 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश से विश्लेषण किए गए 30 संसद सदस्यों की कुल संपत्ति 1,941 करोड़ रुपये है। विश्लेषण किए गए 225 राज्यसभा सदस्यों में से 75 (33 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
इसके अलावा लगभग 41 (18 प्रतिशत) राज्यसभा सदस्यों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं और दो सदस्यों ने हत्या (आईपीसी धारा 302) से संबंधित मामले घोषित किए हैं। चार राज्यसभा सदस्यों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है। चार सदस्यों में से, राजस्थान से एक राज्यसभा सदस्य – कांग्रेस के के. सी. वेणुगोपाल – ने बलात्कार (आईपीसी धारा 376) से संबंधित मामला घोषित किया है।