देहरादून। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने चमोली में नमामि गंगे परियोजना के कार्य के दौरान करंट हादसे पर सरकार प्रभावितों को 25 लाख रुपये और एक सदस्य को नौकरी दे ताकि कुछ तो क्षतिपूर्ति हो सके।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने चमोली हादसे के प्रभावितों को मुआवजा नहीं दिया है। उनका कहना है कि सरकार कंपनी के मालिकों को बचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि अब तक सरकार ने कंपनी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा क्यों दर्ज नही किया? यह ऐसा मुद्दा है जो सरकार को कठघरे में खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार जनहितों की अनदेखी कर रही है और जनता से जुड़े सवालों से भागती है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिस कंपनी ने 16 लोगों की जान ले ली, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई? यह इस बात का संकेत है कि सरकार आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार प्रभावितों को 25 लाख रुपये और एक सदस्य को नौकरी दे। ताकि कुछ तो क्षतिपूर्ति हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में संवेदनशीलता का परिचय देना चाहिए और पीड़ित परिवारों को लाभ दिलाना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने वन्य जीवों से होने वाली क्षति का मामला उठाते हुए कहा कि जंगली जानवरों से हमला होने पर प्रभावितों के परिवारों को 50 लाख रुपये के मुआवजे का हो प्रावधान किया जाए ताकि आम आदमी अपनी पीड़ा और समस्याएं दूर कर सके। उन्होंने सरकार पर करारे प्रहार करते हुए कहा कि यह सरकार आम आदमी की नहीं पूंजीपतियों की सुनती है जो उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य के लिए दुखद है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि चमोली करंट हादसे प्रभावितों को अविलंब मुआवजा और एक व्यक्ति को नौकरी दी जानी चाहिए।