देहरादून। एक बच्चे का उज्जवल भविष्य उसके बचपन के शुरुआती दिनों में किया हुआ पालन पोषण और अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा पे आधारित होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों की छुपी हुई क्षमता को पहचानने और उपयोग में लाने के लिए, शिक्षा और ज्ञान को पहुँच ने की आवश्यकता होती है।
बच्चो को छोटी उम्र से ही सीखने का मौका देकर हम उन्हें नयी सम्भावनाओ को तलाशने और अपने जीवन को आकार देने के लिए सशक्त बनाते हैं।
यूपीईएस की निगमित सामाजिक दायित्व विंग ने हाल ही में राजकीय प्राथमिक विद्यालय (आरपीवी) बकारना और गवर्नमेंट मिडिल स्कूल खाराखेत में छात्रों के लिए एक सुरक्षित और सपोर्टिव लर्निंग एनवायरनमेंट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और मूरल वर्क का काम पूरा किया। विश्वविद्यालय स्मार्टक्लास और लर्नशाला जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने और शिक्षा में इनोवेशन को बढ़ावा देने पर भी फोकस करता है। स्मार्टक्लास का उद्देश्य मल्टीमीडिया कंटेंट और इंटरैक्टिव टीचिंग के माध्यम से डिजिटल पढाई को बढ़ाना है, जिससे एक व्यापक और अत्यधिक प्रभावी
एजुकेशनल एक्सपीरियंस/ शैक्षिक अनुभव तैयार हो सके। दूसरी ओर, लर्नशाला (“कक्षाओं को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के रूप में देखना”) सम्पूर्ण शिक्षा का अनुभव करने के लिए ज़रूरी स्किल्स, वैल्यूज, माइंडसेट और टूल्स के साथ छात्रों को सशक्त बनाने पर फोकस्ड है।
इसके अलावा, प्रवासी निर्माण श्रमिकों के बच्चों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए, यूपीईएस ने प्रोजेक्ट संवेदना लॉन्च किया। इस पहल के माध्यम से, विश्वविद्यालय इन बच्चों को शिक्षा, डेकेयर सुविधाएं और मिड-डे मील्स प्रदान करके सहायता प्रदान कर रहा है। हाल ही में, यूपीईएस ने इन युवा शिक्षार्थियों को स्कूल यूनिफॉर्म प्रदान करना भी शुरू किया, जिससे उनका आत्मविश्वास और सीखने की उत्सुकता और बढ़ गई। प्रोजेक्ट संवेदना के प्रभाव को मजबूत करते हुए, यह पहल सुनिश्चित करती है कि इन बच्चों को उचित देखभाल, संसाधन और एक सुरक्षित सीखने का माहौल मिले, जबकि उनके माता-पिता काम पर हों।
बच्चों की सुरक्षा और सुरक्षित शिक्षण माहौल को बढ़ावा देने के प्रति अपने कमिटमेंट को आगे बढ़ाने के लिए, यूपीईएस की निगमित सामाजिक दायित्व टीम ने कोटरा संतूर, अपर कंडोली, डूंगा, मिश्रसपट्टी और फुलसानी के 5 सरकारी स्कूलों में ‘यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम’ (POCSO) पर एक सप्ताह की वर्कशॉप आयोजित की। कार्यशाला में यौन उत्पीड़न के बारे में जागरूकता पैदा करने और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर चर्चा की गई। इसके अलावा, यूपीईएस ने आविष्कार एनजीओ के सहयोग से महिलाओं को मजबूत मैथमेटिकल स्किल्स और छात्र-केंद्रित टीचिंग प्रैक्टिसेज से तैयार करके उन्हें सशक्त बनाने के लिए मैथ मैटर्स प्रोग्राम लॉन्च किया। इसका उद्देश्य आम तौर पर महसूस होने वाले मैथ्स से लगने वाले डर को दूर करना और उन्हें भविष्य के बेहतर शिक्षक बनने के लिए सशक्त बनाना था।
यूपीईएस द्वारा की गई तरह तरह पहलों के बारे में बात करते हुए, निगमित सामाजिक दायित्व, यूपीईएस के निदेशक, कर्नल संजय वाशिंगटन ने कहा, “हमारी निगमित सामाजिक दायित्व पहल व्यक्तियों और आस पास के समुदायों के जीवन में सार्थक प्रभाव डालने के लिए डिज़ाइन की गई है। हम वास्तव में शिक्षा की शक्ति में विश्वास करते हैं और सभी के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अपनी पहल के माध्यम से, हमारा उद्देश्य वंचित छात्रों का भला करना, एक सुरक्षित शिक्षण वातावरण प्रदान करना और गंभीर सामाजिक चुनौतियों का समाधान करना है।”
यूपीईएस छात्रों को प्रोजेक्ट प्रोत्साहन (जहां पुरकल यूथ डेवलपमेंट सोसाइटी (पीवाईडीएस) के मेधावी छात्रों को केंद्रित परामर्श के माध्यम से सहायता और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है) के माध्यम से हायर एजुकेशन पाने का अवसर प्रदान करके उनको सफल बनाने के लिए हमेशा कोशिश करना जारी रखता है इसके साथ ही सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास करता रहता है। अब तक, विश्वविद्यालय ने इस परियोजना के तहत 15 छात्रों को प्रवेश दिया है, जिनमें से 7 को नौकरी मिल गई है और 8 अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। अपनी निगमित सामाजिक दायित्व शाखा के माध्यम से, यूपीईएस सभी के लिए एक उज्जवल और अधिक उज्जवल भविष्य को बढ़ावा देना जारी रखता है, भले ही उनकी परिस्थितियाँ कुछ भी हों।