नयी दिल्ली। आप के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बेंगलुरु में होने जा रही विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होंगे।
केजरीवाल की अध्यक्षता में पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) की बैठक हुई जिसमें देश के मौजूदा राजनीति हालातों पर गंभीरता पूर्वक चर्चा की गई।
इसमें लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आप के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि पीएसी की बैठक में हर राजनीतिक पहलू पर विस्तार से चर्चा हुई।
केंद्र सरकार का दिल्ली पर लाया गया काला अध्यादेश स्पष्ट तौर पर एक राष्ट्र विरोधी कानून है। जो भी व्यक्ति दिल्ली पर लाए गए इस राष्ट्र विरोधी काले अध्यादेश का समर्थन करता है, वो हर सख्स राष्ट्र विरोधी है। भारत से मुहब्बत करने वाला हर वो सख्स या राजनीतिक दल दिल्ली पर लाए गए राष्ट्र विरोधी अध्यादेश के विरोध में ही खड़ा होगा और संसद में इस बिल को हराने के लिए प्रयास करेगा और अपना हर संभव योगदान देगा।
सांसद चड्ढा ने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने देश के तमाम राजनीति दलों और उनके नेताओं से इस राष्ट्र विरोधी बिल को संसद के अंदर हराने के लिए समर्थन मांगा और देश की कई बड़ी पार्टियों ने हमारा साथ और इस देश विरोधी अध्यादेश के खिलाफ अपना योगदान दिया। तृणमूल कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू, डीएमके, बीआरएस, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, सीपीआई, सीपीएम, झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत तमाम पार्टियों ने श्री अरविंद केजरीवाल के आह्वान पर राष्ट्र अध्यादेश के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की और संसद के अंदर इस कानून को हराने के लिए अपने योगदान की बात रखी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पर लाए गए अध्यादेश के विरोध में आम आदमी पार्टी को मिल रहे समर्थन की श्रृंखला में रविवार को कांग्रेस ने भी अपनी स्थिति साफ करते हुए दिल्ली पर लाए गए अध्यादेश के खिलाफ अपना रूख साफ किया है और विरोध दर्ज कराया है। आम आदमी पार्टी कांग्रेस के इस एलान का स्वागत करती है।
श्री चड्ढा ने आगे कहा कि 17-18 जुलाई को समान विचारधारा वाली पर्टियों की बेंगलुरु में बैठक होने जा रही है। इस मीटिंग में अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आम आदमी पार्टी भी हिस्सा लेगी और अपनी बात रखेगी।