भाजपा पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप

भाजपा सरकार बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं कर सकती

गुवाहाटी । भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति को प्रमुख मुद्दे के रूप में लाना चाहती है। ये गंभीर आरोप लगाते हुए असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने आज कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव का दिन नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा और एआईयूडीएफ प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल सामूहिक रूप से असम में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति को हवा देने कोशिश कर रहे हैं।

एक तरफ अजमल ने मियां-असमिया की नई परिभाषा रखी है तो दूसरी तरफ हिमंत बिस्व सरमा ने ऊपरी असम के युवाओं से मियां को खत्म करने के लिए सामने आने की अपील कर रहे हैं। भाजपा सरकार बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं कर सकती। बाढ़ और कटाव की समस्या का समाधान नहीं कर सकती। मूल्य वृद्धि को नियंत्रित नहीं कर सकती। चाय श्रमिकों की मजदूरी नहीं बढ़ा सकती। राज्य में बुनियादी ढांचे का विकास रुक गया है, सरकारी खजाना खाली करके सरकार उधार पर चल रही है।

इसके अलावा भाजपा सरकार विदेशियों को बाहर निकालने, काला धन वापस लाने, बेरोजगारों को रोजगार देने सहित चुनाव में किए गए सैकड़ों वादों को लागू करने में बुरी तरह विफल रही है। इसलिए चुनाव के दौरान सरकार की इन नाकामियों पर लोगों को चर्चा का मौका न मिले, इसके लिए भाजपा सरकार आगामी लोकसभा चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति को मुख्य मुद्दा बनाना चाहती है। मुख्यमंत्री बदरुद्दीन अजमल को मजबूत करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, अब यह छिपा नहीं है।

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हिमंत बिस्व सरमा और बदरुद्दीन अजमल इस तरह के भड़काऊ बयान देकर सांप्रदायिक जहर घोलने की कोशिश कर रहे हैं। यह समझने के लिए जनता से अपील करते हुए, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि भाजपा और एआईयूडीएफ के इरादों से लोग अवगत हैं।

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