शिमला। हिमाचल प्रदेश में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से हाहाकार मचा हुआ है। भारी बारिश से हिमाचल की स्थितियां बिगड़ गई थीं। वहीं बारिश और लैंडस्लाइडिंग के चलते कई लोगों की मौत हो गई। हिमाचल प्रदेश में कई शहरों में घर और गाड़ियां पानी में बह गए।
बता दें हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में कई दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है और अगले कुछ दिनों तक राहत मिलने की संभावना भी नहीं है। लगातार हो रही बारिश की वजह से राज्य के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है।
सड़कें और हाइवे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मौसम विभाग के वैज्ञानिक ने बताया कि अगले 24 घंटे में सोलन, शिमला, सिरमौर कुल्लू, मंडी, किन्नौर और लाहौल में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं इसके साथ उना, हमीरपुर, कांगड़ा और चंबा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण मंडी में मंगलवार को बाढ़ जैसे हालात बन गए। जिसकी वजह से कई घर और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इसके साथ भारी बारिश की वजह से 12 पुल पानी में बह गए हैं। 7 नेशनल हाईवे समेत 828 से ज्यादा सड़कें ठप हैं। वहीं 403 सरकारी बसें आधे रास्ते में फंसी हुई है और करीब 1000 बसों का रूट प्रभावित हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 24 जून को हिमाचल पहुंचे मानसून से अब तक 63 लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश भर में 28 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं और 55 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य ने पिछले 50 वर्षों में इतनी भारी बारिश नहीं देखी है। मुख्यमंत्री ने केंद्र से राज्य की स्थिति को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया है. कुल्लू हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक है, जहां ब्यास नदी के उफान में ट्रक बह गए हैं। मंडी का पंचवक्त्र मंदिर ब्यास नदी के पानी में डूब गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जय राम ठाकुर ने कहा कि बाढ़ से घर बह गए और कम से कम 12 प्रमुख पुल क्षतिग्रस्त हो गए या बह गए।