ईडी प्रमुख के तीसरे सेवा विस्तार को उच्चतम न्यायालय ने अवैध करार दिया

नई दिल्ली। ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के तीसरे सेवा विस्तार को उच्चतम न्यायालय ने अवैध करार दिया तथा उनका विस्तारित कार्यकाल घटाकर 31 जुलाई तक कर दिया।

न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने कहा कि इस साल वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा की जा रही संबंधित समीक्षा के मद्देनजर और सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए मिश्रा का कार्यकाल 31 जुलाई तक रहेगा।

सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, 1984-बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी का कार्यकाल 18 नवंबर, 2023 तक निर्धारित था। पीठ ने, हालांकि ईडी निदेशक के कार्यकाल को अधिकतम पांच साल तक बढ़ाने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में संशोधन की पुष्टि की।

शीर्ष अदालत ने ईडी प्रमुख को दिये गये तीसरे सेवा विस्तार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आठ मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय ने इन याचिकाओं पर गत वर्ष 12 दिसम्बर को केंद्र सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया था। न्यायालय ने जया ठाकुर की याचिका पर केंद्र सरकार, केंद्रीय सतर्कता आयोग और ईडी निदेशक को नोटिस जारी किये थे।

ठाकुर ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार पर अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रवर्तन एजेंसियों का दुरुपयोग करके लोकतंत्र की बुनियादी संरचना को नष्ट करने का आरोप लगाया गया था। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और साकेत गोखले ने भी ईडी प्रमुख के सेवा विस्तार के खिलाफ याचिकाएं दायर की थीं।

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