रेलवे बोर्ड ने सभी सिग्नलिंग संपत्तियों के लिये ‘डबल लॉक’ व्यवस्था लागू करने का दिया आदेश

नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपनी सभी सिग्नलिंग संपत्तियों के लिये ‘डबल लॉक’ व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया और रखरखाव के काम के बाद ट्रेनों की आवाजाही शुरू करने के लिये प्रोटोकॉल को मजबूत करने के भी निर्देश जारी किये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

रेलवे बोर्ड ने ओडिशा के बालासोर जिले में दो जून को भीषण ट्रेन हादसे में 280 से अधिक यात्रियों के मारे जाने के बाद रेलवे जोन के लिये गई निर्देश जारी किये। बोर्ड ने ट्रेन के परिचालन संबंधी तंत्र, रिले हट हाउसिंग सिग्नलिंग और लेवल-क्रॉसिंग के दूरसंचार उपकरण और प्वाइंट तथा ट्रैक सर्किट सिग्नल के साथ सभी रिले रूम के लिए ‘‘डबल-लॉक’’ व्यवस्था का आदेश दिया।

आदेश में संकेत दिया गया है कि ‘‘रिले रूम तक पहुंच’’ के कारण ‘‘सिग्नलिंग व्यवस्था में हस्तक्षेप हुआ, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर में लूप लाइन में गई और एक खड़ी मालगाड़ी को टक्कर मारने से दुर्घटना हुई।

वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की गई थी, इसलिए अब इस तंत्र को ‘‘हस्तक्षेप-रोधी’’ बनाना है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह डबल लॉकिंग सुनिश्चित करेगा कि कोई भी बिना अनुमति के इन स्थानों पर नहीं पहुंच सकता है।’’

आदेश में कहा गया है कि स्टेशन यार्ड में लेवल क्रॉसिंग गेट (गुमटी/केबिन), सिग्नलिंग कक्ष और दूरसंचार उपकरण को रिले हट के रूप में माना जाना चाहिए और जब तक ‘‘डबल-लॉक’’ व्यवस्था प्रदान नहीं की जाती है, तब तक वर्तमान ‘‘सिंगल लॉक’’ की चाबी स्टेशन मास्टर के पास रहेगी। आदेश में कहा गया, ‘‘स्टेशन रिले रूम की तरह ही स्टेशन मास्टर द्वारा चाबी जारी करने और जमा करने के संबंध में प्रासंगिक प्रविष्टियां रखी जानी चाहिए।’’

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